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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जामनगर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जामनगर (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया

3 अप्रैल 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जामनगर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जामनगर (गुजरात)
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, दि जामनगर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जामनगर (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा ऋण और अग्रिमों हेतु प्रावधानीकरण मानदंड' तथा 'भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक - जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016' संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई, विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, उससे संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने निरंतर आधार पर अपनी आस्तियों की अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के रूप में पहचान नहीं की और परिपक्वता की तारीख से चुकौती की तारीख तक अतिदेय मीयादी जमाराशियों पर बचत जमाराशियों पर लागू दर या ब्याज की संविदात्मक दर, जो भी कम हो, पर ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/5

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