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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि प्राइम को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि प्राइम को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत,गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमिक दृष्टिकोण’ के साथ पठित 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना' और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा’  पर जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹4.00 लाख  (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949  की धारा 46(4) (i) और 56  के साथ पठित धारा 47ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।      

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक का उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
बैंक  :

  1. (ए) ग्राहकों को एसएमएस, ईमेल और टोल-फ्री नंबर के माध्यम से अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करने ; और (बी) वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बैंक द्वारा भेजे गए एसएमएस और ई-मेल अलर्ट का जवाब देने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया विकल्प सक्षम करने ; तथा
  2. रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा ढांचे के अंतर्गत कतिपय साइबर सुरक्षा नियंत्रण उपायों को लागू करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।       

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1814

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