सरकारी प्रतिभूतियों में अनिवासियों द्वारा निवेश हेतु ‘पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग’ - (निर्दिष्ट प्रतिभूतियाँ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी प्रतिभूतियों में अनिवासियों द्वारा निवेश हेतु ‘पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग’ - (निर्दिष्ट प्रतिभूतियाँ)
आरबीआई/2019-20/201 30 मार्च 2020 प्रति महोदय/ महोदया, सरकारी प्रतिभूतियों में अनिवासियों द्वारा निवेश हेतु ‘पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग’ संघीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया जाता है कि केन्द्र सरकार की प्रतिभूतियों के कतिपय निर्दिष्ट वर्गों की प्रतिभूतियां घरेलू निवेशकों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ अनिवासी निवेशकों हेतु बिना किसी प्रतिबंध के पूर्णतया खोल दिया जाए । तदनुसार, आज जारी किए गए निदेश, 30 मार्च, 2020 के एपी (डीआईआरसीरीज) परिपत्र संख्या 25 के तहत एक अलग मार्ग यथा – भारत सरकार द्वारा निर्गमित प्रतिभूतियों में अनिवासियों द्वारा निवेश हेतु पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग (एफएआर) अधिसूचित किया गया है। 2. रिजर्व बैंक उन सरकारी प्रतिभूतियों को अधिसूचित करेगा जो कि एफएआर (इसके पश्चात निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के रूप में उल्लिखित) के तहत निवेश के लिए पात्र मानी जाएंगी । ये प्रतिभूतियाँ निवासियों द्वारा निवेश के लिए पात्र बनी रहेंगी। एक बार इस प्रकार निर्दिष्ट की गई ‘पात्र निर्दिष्ट प्रतिभूतियां’ परिपक्व होने तक एफएआर के तहत निवेश के लिए पात्र रहेंगी। 3. अनुबंध में सूचीबद्ध सरकारी प्रतिभूतियां, इस योजना के लागू होने की तिथि से, एफएआर के तहत निवेश के लिए पात्र होंगी, । इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2020-21 से 5-वर्ष, 10-वर्ष और 30-वर्ष वाली सरकारी प्रतिभूतियों के सभी नए निर्गम एफएआर के तहत 'निर्दिष्ट प्रतिभूतियों' के रूप में निवेश के लिए पात्र होंगे। रिज़र्व बैंक समय-समय पर ‘निर्दिष्ट प्रतिभूतियों’ ’के रूप में निर्दिष्ट की जाने वाली नई प्रतिभूतियों की नई परिपक्वता अवधि जोड़ सकता है या परिपक्वता अवधि को बदल सकता है। 4. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय III घ की धारा 45 ब के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/ अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। 5. यह निदेश 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगे। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) 1 अप्रैल 2020 से पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग के तहत ‘निर्दिष्ट प्रतिभूतियाँ’
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