नई आरटीजीएस प्रणाली में आईएसओ 20022 मैसेजिंग मानक अपनाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
नई आरटीजीएस प्रणाली में आईएसओ 20022 मैसेजिंग मानक अपनाना
आरबीआई/2013-14/413 20 दिसंबर 2013 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया, नई आरटीजीएस प्रणाली में आईएसओ 20022 मैसेजिंग मानक अपनाना जैसा कि, आप जानते हैं कि नई आरटीजीएस प्रणाली 19 अक्टूबर 2013 से आरंभ कर दी गई है और इस तिथि से आरटीजीएस कारोबार विनियमावली, 2013 प्रभावी हो गई है। 2. नई आरटीजीएस प्रणाली आईएसओ 20022 मानक मैसेजिंग फरमेटों पर आधारित है। भुगतान प्रणाली के लिए आईएसओ 20022 मानक फॉरमेटों को लाने के पीछे उद्देश्य यह है कि, विभिन्न भुगतान प्रणालियों के लिए मैसेजिंग फॉरमेटों का मानकीकरण किया जा सके और यह अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप हो। भुगतान प्रणाली के लिए मैसेज का मानकीकरण अंतरसंक्रियता (Interoperability) को भी समर्थ बनाएगा। 3. बुनियादी ढांचे की आवश्यकता / प्रतिभागियों से अपेक्षित परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने दिनांक 31 दिसंबर 2012 का परिपत्र आरबीआई / 2012-13 / 355 [ डीपीएसएस ( सीओ ) आरटीजीएस सं 1052/04.04.017/2012-13 जारी किया था जिसमें आरटीजीएस प्रणाली के प्रतिभागियों को सूचित किया गया था कि वे 31 मार्च 2013 तक आईएसओ 20022 मैसेज फॉरमेट के प्रयोग के लिए तैयार रहें। 4. हालांकि, बैंकों ने आईएसओ 20022 मानक मैसेजों के प्रयोग के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं और वे मैसेजों को "आर" श्रृंखला के मैसेजों में / से परिवर्तित करने के लिए अपने आईटी / सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान किए जा रहे अस्थायी समाधान पर निर्भर हैं जो कि आरटीजीएस के पिछले संस्करण में इस्तेमाल किया जा रहा था। 5. बैंकों की ओर से इस हेतु अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि उन्हें तब तक अस्थायी व्यवस्था जारी रखने की अनुमति दी जाए जब तक बैंक के सीबीएस में अपेक्षित सुधार न कर लिए जाएँ। अनुरोध की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि आरटीजीएस सदस्य बैंकों द्वारा "आर" श्रृंखला के मैसेजों में / से परिवर्तित किए बिना आईएसओ 20022 मैसेजिंग को अपनाने के संबंध में समय सीमा को 31 मार्च 2014 तक बढ़ाया जाए। कृपया ध्यान दें कि इसके पश्चात समय सीमा में विस्तार प्रदान नहीं किया जाएगा। 6. सभी आरटीजीएस सदस्यों को सूचित किया जाता है कि वे इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें और की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट प्रेषित करें। भवदीय (निलिमा रामटेके) |