कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण
आरबीआइ/2009-10/274 29 दिसंबर 2009 सेवा में महोदया/महोदय, कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण प्राधिकृत श्रेणी-I व्यापारी बैंकों का ध्यान 02 मार्च 2007 के एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 और 04 अगस्त ,2008 के एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.03 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को अब से निम्नलिखित आठ खनन कंपनियों से भारत में कच्चे हीरों के आयात के लिए बगैर किसी सीमा और किसी आयातक (किसी सरकारी क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकारों के किसी विभाग/उपक्रम से इतर) द्वारा बगैर बैंक गारंटी/ समर्थनकारी साखपत्र के के अग्रिम प्रेषण की अनुमति दी गई है। 2. रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद की सिफारिशों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि नाम्बिया डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (पीटीवाइ) लि.(एनडीटीसी) का नाम बगैर किसी सीमा और बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के अग्रिम प्रेषण करने के लिए शामिल किया जाए। 3. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन निम्नलिखित खनन कंपनियों से भारत में कच्चे हीरे के आयात के लिए बगैर किसी सीमा और किसी आयातक (किसी सरकारी क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/ राज्य सरकारों के किसी विभाग/ उपक्रम से इतर) द्वारा बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के अग्रिम प्रेषण की अनुमति दी गई है: (i) डी बीअर्स यूके लि. (ii) रइयो टिन्टो, यूके, (iii) बीएचपी बिल्लिटन, ऑस्ट्रेलिया, (iv) एन्डियमा, ई.पी. अंगोला, (v) एल्रोसा, रशिया, (vi) गोखरन, रशिया (vii) रइयो टिन्टो, बेल्जियम (viii) बीएचपी बिल्लिटन,बेल्जियम और (ix) नाम्बिया डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (पीटीवाइ) लि.(एनडीटीसी) 4. उपर्युक्त परिपत्र को संलग्न फॉर्मेट में रिपोर्ट के प्रस्तुतीकरण सहित 02 मार्च 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 में उल्लिखित शर्तें यथावत् रहेंगी। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |