कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण
भारिबैंक/2013-14/365 8 नवम्बर 2013 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 29 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 21 में अंतर्विष्ट उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंकों को 9 खनन कंपनियों से भारत में कच्चे हीरों के आयात के लिए बिना किसी सीमा और आयातक (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकारों के विभाग/उपक्रम से भिन्न) द्वारा बिना बैंक गारंटी अथवा आपाती साखपत्र (standby letter of credit) के विप्रेषण करने की अनुमति कतिपय शर्तों के तहत दी गई है। 2. रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) की सिफारिशों के आधार पर उक्त परिपत्र में सूचीबद्ध दो खनन कंपनियों के नाम निम्नवत परिवर्तित किए गए है; I॰ डी बीअर्स यूके लिमिटेड से डी बीअर्स ग्लोबल साइटहोल्डर सेल्स प्रोप्राइटरी लिमिटेड। Ii॰ बीएचपी बिल्लिटन, बेल्जियम से डॉमिनियन डायमंड मार्केटिंग। 3. 29 दिसंबर 2009 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 21 में कच्चे हीरों के आयात और 6 मई 2011 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 59 में कच्चे, कट और पालिश किए हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण करने के संबंध में जारी सभी अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |