विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- कच्चे, कटे हुए तथा पालिश किये हुए हीरों का आयात - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- कच्चे, कटे हुए तथा पालिश किये हुए हीरों का आयात
भारिबैंक/2010-11/514 06 मई 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान 28 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों को अनुमति दी गई थी कि वे पोत लदान की तारीख से 90 दिनों की अवधि के लिए प्लैटिनम, पैलेडियम/रोडियम तथा चांदी के आयात के लिए साख पत्र की परिपक्वता अवधि सहित आपूर्तिकर्ता और क्रेता ऋण (व्यापार ऋण) अनुमोदित कर सकते हैं । 2. हाल की गतिविधियों के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है कि कच्चे, कटे हुए तथा पालिश किये हुए हीरों के आयात हेतु खोले गये साख पत्र की अवधि सहित आपूर्तिकर्ता और क्रेता ऋण (व्यापार ऋण) की अवधि पोतलदान की तारीख से 90 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए । संशोधित निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आयात लेनदेन करते समय समुचित सावधानी बरती जा रही है और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानने तथा धन शोधन निवारण संबंधी दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाता है । इसके अतिरिक्त, किसी बहुत बड़े कारोबार अथवा कारोबार में हुई असामान्य वृद्धि की कड़ी जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जाए कि लेनदेन विश्वसनीय है और वह ब्याज/ मुद्रा अंतरपणन के लिए नहीं किये गये हैं । कच्चे, कटे हुए तथा पालिश किये हुए हीरों के आयात से संबंधित अन्य सभी अनुदेश यथावत् रहेंगे । 4. दिनांक 9 जुलाई 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 2 के जरिये स्वर्ण के सीधे आयात, 28 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.12 के जरिये प्लैटिनम/ पैलेडियम/रोडियम / चांदी के आयात तथा 29 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.21 के जरिये कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम धनप्रेषण के लिए जारी पूर्व के अनुदेश यथावत् रहेंगे । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया (मीना हेमचंद्र) |