कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008
भारिबैं/2009-10/388 8 अप्रैल 2010 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 हम उपर्युक्त विषय पर भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त दिनांक 26 मार्च 2010 का पत्र एफ.सं. 3/9/2008-एसी की प्रतिलिपि इसके साथ प्रेषित कर रहे हैं जिसकी विषय-वस्तु स्वत: स्पष्ट है। 2. अनुरोध है कि आप इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें तथा योजना में हुए परिवर्तन का व्यापक प्रचार करें जैसाकि उपर्युक्त पत्र में बताया गया है ताकि किसानों एडीडब्ल्यूडीआर योजना, 2008 का अधिकतम लाभ उठा सके। 3. इस संबंध में हम आपका ध्यान दिनांक 4 सितंबर 2008 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 24/05.04.02/2008-09 के पैरा 2 (एफ) की ओर आकर्षित करते हैं। 31 दिसंबर 2009 तक सामने आये ’ऋण राहत’ से संबंधित ’अंतिम’ दावे (31 जनवरी 2010 तक परिचालित शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से निपटाये गये मामलों सहित) निर्धारित प्रारूप में केद्रीय सांविधिक लेखा-परीक्षक द्वारा यथा प्रमाणित इस विभाग को 30 जून 2010 तक प्रस्तुत किए जाएं जैसा कि उक्त परिपत्र में बताया गया है। 4. भारत सरकार से प्राप्त उपर्युक्त पत्र के पैरा 5 के अनुसार उधारकर्ता संस्थानों को 25% राशि की प्रतिपूर्ति करते हुए चूंकि भारत सरकार द्वारा उधारकर्ता संस्थानों को योजना की छ: माह की विस्तार अवधि के लिए कोई ब्याज का भुगतान नहीं किया जायेगा, बैंक उन" ऋण राहत" संबंधी मामले जो 1 जनवरी 2010 से 30 जून 2010 की अवधि के दौरान निपटाये जायेंगे (1 फरवरी 2010 से 31 जुलाई 2010 तक परिचालित शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से निपटाये गये मामलों सहित) पर एक अलग दावा इस विभाग को प्रेषित करें जिसे ऊपरोल्लिखित दिनांक 4 सितंबर 2008 के हमारे परिपत्र में बताये अनुसार केद्रीय सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा यथा प्रमाणित किया जाए। यह दावा "अतिरिक्त अंतिम दावा - ऋण राहत - ब्याज के लिए पात्र नहीं" के रूप में स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए तथा 30 जून 2011 तक इस कार्यालय में पहुँच जाना चाहिए। 5 उपर्युक्त परिपत्र की अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। भवदीय (ए.के.पांडेय) |
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