स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 पर संशोधित परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 पर संशोधित परिपत्र
भारिबैंक/2015-16/300 21 जनवरी 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा यह निदेश देता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) मास्टर निदेश सं. बैंविवि. आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 में निम्नानुसार संशोधन किए जाएंगे: (i) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.1.1 (iii) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: एसटीबीडी का मूलधन और ब्याज स्वर्ण में अंकित किया जाएगा। एमएलटीजीडी के मामले में, मूलधन को स्वर्ण में मूल्यांकित किया जाएगा। तथापि, एमएलटीजीडी पर ब्याज की गणना जमा के समय स्वर्ण के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये में की जाएगी। (ii) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.1.1 (iv) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: जमा करने के लिए पात्र व्यक्ति – निवासी भारतीय (व्यक्ति, हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ), स्वामित्व और भागीदारी फर्में, म्युचुअल फंड/ सेबी (म्युचुअल फंड) विनियमन और कंपनियां के अंतर्गत पंजीकृत एक्सचेंज ट्रेडेड फर्मों सहित न्यास) योजना के अंतर्गत जमा कर सकते हैं। योजना के अधीन दो या अधिक पात्र जमाकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से जमा करने की भी अनुमति है तथा ऐसे मामलों में जमाओं को ऐसे जमाकर्ताओं के नाम से खोले गए संयुक्त जमा खाते में जमा किया जाएगा। बैंक जमा खातों में संयुक्त परिचालन के संबंध में नामांकन सहित मौजूदा नियम इन स्वर्ण जमाओं पर भी लागू होंगे। (iii) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.1.1 (v) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: योजना के अंतर्गत सभी जमाएं सीपीटीसी में की जाएंगी। बशर्ते, बैंक अपने विवेकानुसार प्राधिकृत शाखाओं में स्वर्ण की जमाएं स्वीकार कर सकते हैं, विशेषत: अपेक्षाकृत बड़े जमाकर्ताओं से। बशर्ते यह भी कि बैंक अपने विवेकानुसार जमाकर्ताओं को सीधे ऐसी शोधशालाओं में स्वर्ण जमा करने की अनुमति भी दे सकते हैं, जिनके पास अंतिम परख करने तथा जमाकर्ता को 995 परिशुद्धता वाले मानक स्वर्ण की जमा रसीद जारी करने की सुविधाएं हैं। (iv) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.1.1 (ix) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: जैसे ही योजना को लागू करने की नीति को प्राधिकृत बैंकों के निदेशक मंडल का अनुमोदन प्राप्त होता है, वे योजना में भाग लेने संबंधी अपना निर्णय भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचित करेंगे। वे अपनी सभी शाखाओं द्वारा योजना के अंतर्गत स्वर्ण जुटाने संबंधी रिपोर्ट भी समेकित रूप में मासिक आधार पर अनुबंध -2 में दिए गए प्रोफार्मा में आरबीआई को रिपोर्ट करेंगे। (v) पैराग्राफ 2.1.1 (x) को निम्नानुसार जोड़ा जाएगा: जीएमएस पर कर केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किए गए अनुसार होगा। (vi) पैराग्राफ 2.1.1 (xi) को निम्नानुसार जोड़ा जाएगा: स्वर्ण की मात्रा ग्राम के तीन दशमलव अंकों तक व्यक्त की जाएगी। (vii) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.2.2 (iv) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: a. मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) 5-7 वर्ष तक किया जा सकता है तथा दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) 12-15 वर्ष के लिए, अथवा ऐसी अवधि के लिए किया जा सकता है, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर तय किया जाएगा। b. ऐसे जमाओं पर ब्याज दर समय समय पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई वर्तमान ब्याज दरें निम्नानुसार हैं:
c. प्राधिकृत बैंक निम्नलिखित अवरुद्धता अवधि तथा दण्ड के अधीन पूर्ण या आंशिक अवधि-पूर्व आहरण की अनुमति दे सकते हैं: (i) न्यूनतम अवरुद्धता अवधि मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) को 3 वर्ष के बाद तथा दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) को 5 वर्ष के बाद किसी भी समय आहरण की अनुमति है। (ii) अवधिपूर्व आहरण पर दण्ड अवधि-पूर्व आहरण पर जमाकर्ता को अदा की जाने वाली राशि की गणना नीचे (अ) और (आ) में दर्शाए गए अनुसार की जाएगी: (अ) आहरण के दिन स्वर्ण जमा का वास्तविक बाजार मूल्य. (आ) जमा के समय स्वर्ण के मूल्य पर देय ब्याज निम्नानुसार है1
(viii) पैराग्राफ 2.2.2 (ix) को निम्नानुसार जोड़ा जाएगा: केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि योजना प्रारंभ करने की तारीख, अर्थात् 05 नवंबर 2015 से एक वर्ष की अवधि के लिए प्राधिकृत बैंकों को एमएलटीजीडी के लिए 1.5% की एक समान दर पर हैंडलिंग प्रभार (स्वर्ण की शुद्धता की जांच करने, परिष्करण, परिवहन, भंडारण तथा अन्य संबंधित लागतों सहित) तथा योजना के अंतर्गत जुटाए गए स्वर्ण के बराबर भारतीय रुपये में राशि के 1% कमीशन का भुगतान किया जाए। स्पष्टीकरण: बैंकों को अदा किए जाने वाले प्रभारों और कमीशन की गणना के लिए जमा के समय प्रचलित कीमत के आधार पर जमा किए गए स्वर्ण के बराबर रुपये की गणना की जाएगी। (ix) विद्यमान उप—पैराग्राफ 2.4 (i) को संशोधित करके निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: केंद्र सरकार योजना के अंतर्गत बीआईएस प्रमाणित सीपीटीसी की सूची को अधिसूचित करेगी तथा इसे भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के माध्यम से बैंकों को सूचित किया जाएगा। (x) पैराग्राफ 2.6 (iii) को निम्नानुसार जोड़ा जाएगा: त्रिपक्षीय करार में परिशोधनशाला में सीधे ही स्वर्ण जमा करने के लिए भी प्रावधान किया जाएगा। एक विकल्प यह भी है कि बैंक परिशोधनशालाओं के साथ द्विपक्षीय करार करेंगे, जिसमें त्रिपक्षीय करार के अतिरिक्त व्यवस्थाओं की शर्तें बताई जाएंगी। राजिंदर कुमार 1 ब्याज की गणना का उदाहरण निम्नानुसार है:
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