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केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) का संशोधन

आरबीआई/2018-19/190
बैंविवि.एएमएल.बीसी.सं. 39/14.01.001/2018-19

29 मई 2019

सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/ सीईओ

महोदय/ महोदया

केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) का संशोधन

भारत सरकार ने दिनांक 13 फरवरी 2019 की राजपत्र अधिसूचना जी.एस.आर.108 (ई) द्वारा धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन को अधिसूचित किया है। साथ ही, सरकार ने एक अध्यादेश, "आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019" अधिसूचित किया है, जिसके द्वारा अन्य बातों के साथ, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 को संशोधित किया गया है।

2. उपर्युक्त संशोधन के अनुसार मास्टर निदेश में किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तन नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं:

a) बैंकों को किसी ऐसे व्यक्ति का आधार प्रमाणीकरण / ऑफ़लाइन-सत्यापन करने की अनुमति दी गई है जो पहचान के उद्देश्य के लिए स्वेच्छा से अपने आधार नंबर का उपयोग करता है। (केवाईसी पर संशोधित एमडी की धारा 16)

b) आधार संख्या होने के प्रमाण को आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों (ओवीडी) की सूची में जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि जहां ग्राहक आधार संख्या होने के प्रमाण को ओवीडी के रूप में प्रस्तुत करता है, वह इसे उन रूपों में प्रस्तुत कर सकता है, जिन रूपों में यह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किया जाता है। (संशोधित एमडी की धारा 3)

c) व्यक्तियों की ग्राहक पहचान के लिए:

    1. आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवा का लक्ष्यपरक वितरण) अधिनियम, 2016 की धारा 7 के तहत अधिसूचित किसी भी योजना के तहत किसी भी लाभ या सब्सिडी प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति के लिए, बैंक ग्राहकों का आधार प्राप्त करेगा और उसका ई-केवाईसी प्रमाणीकरण उनकी इस घोषणा के आधार पर कर सकता है कि वह आधार अधिनियम, 2016 के तहत लाभ / सब्सिडी प्राप्त करने के इच्छुक है। (संशोधित एमडी की धारा 16)

    2. गैर-डीबीटी लाभार्थी ग्राहकों के लिए, विनियमित संस्थाएं (आरई) किसी भी ओवीडी की प्रमाणित प्रति प्राप्त करेंगी जिसमें उसकी पहचान और पते के विवरण के साथ एक हाल का फोटोग्राफ होगा। (संशोधित एमडी की धारा 16)

d) आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहक उचित सावधानी प्रक्रिया के लिए ग्राहक (गैर-डीबीटी लाभार्थी) का आधार जमा करते समय, संशोधित पीएमएल नियमावली के नियम 9 के उप-नियम 16 के संदर्भ में ग्राहक अपने आधार संख्या को रेडेक्ट करें या काला कर दें। (संशोधित एमडी की धारा 16)

e) बैंकों के अलावा अन्य आरई ग्राहक की सहमति से आधार अधिनियम के तहत ऑफ़लाइन सत्यापन के माध्यम से ग्राहक की पहचान कर सकते हैं। (संशोधित एमडी की धारा 16)

f) यदि ग्राहक द्वारा प्रस्तुत ओवीडी में अद्यतन पता शामिल नहीं है, तो पते के प्रमाण के सीमित उद्देश्य के लिए कुछ निश्चित ओवीडी प्रस्तुत किए जा सकते हैं, बशर्ते कि वर्तमान पते का अपडेट किया गया ओवीडी 3 महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाए। (संशोधित एमडी का धारा 3 (क) ix)

g) गैर-व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए, संस्था से संबंधित अन्य दस्तावेजों के अलावा उसका पैन / फॉर्म नंबर 60 (कंपनियों और साझेदारी फर्मों के लिए - केवल पैन) प्राप्त किया जाएगा। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं का पैन / फॉर्म नंबर 60 भी प्राप्त किया जाएगा। (धारा 30-33)

h) मौजूदा बैंक खाता धारकों के लिए, पैन या फॉर्म नंबर 60 को सरकार द्वारा यथा अधिसूचित समयसीमा के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जिसमें विफल रहने पर खाते को पैन या फॉर्म नंबर 60 जमा करने तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, खाते का परिचालन अस्थायी रूप से बंद करने से पहले आरई ग्राहक को उचित सूचना देंगे और अपनी बात कहने का अवसर देंगे। (संशोधित एमडी की धारा 39)

3. इसके अलावा, अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) के ओवीडी को प्रमाणित करने के लिए अतिरिक्त प्रमाणन प्राधिकारी, मास्टर निदेश की धारा 3 (ए) (v) में निर्दिष्ट किए गए हैं।

4. 25 फरवरी, 2016 के केवाईसी पर मास्टर निदेश को इस परिपत्र में दिए गए संशोधनों से प्रभावी होने वाले परिवर्तनों को दर्शाने के लिए अद्यतन किया गया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

भवदीय

(डॉ एस के कर)
मुख्य महाप्रबंधक

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