धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन –‘पते का प्रमाण’ के सीमित प्रयोजन के लिए अतिरिक्त दस्तावेज - आरबीआई - Reserve Bank of India
धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन –‘पते का प्रमाण’ के सीमित प्रयोजन के लिए अतिरिक्त दस्तावेज
भारिबैं/2014-15/633 11 जून 2015 अध्यक्ष/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी, महोदय/महोदया, धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन –‘पते का प्रमाण’ के सीमित प्रयोजन के लिए अतिरिक्त दस्तावेज कृपया यदि ‘कम जोखिम’ वाले ग्राहकों के पास पते के प्रमाण के रूप में आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज न हों तो उनकी पहचान के सत्यापन के लिए सरलीकृत उपायों की प्रयोज्यता पर दिनांक 17 जुलाई 2014 के हमारे परिपत्र डीबीओडी.एएमएल.बीसी.स.26/14.01.001/2014-15 के अनुबंध में क्रमांक 4 पर दिये गए नियम संख्या 14 (i) और नियम 2 (घ ) के परंतुक देखें। 2 सरकार ने अब धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन किया है और पी एल एम ए नियमों के पैरा 2 (घ) में बताए गए अनुसार सरलीकृत उपायों के तहत पहचान के प्रमाण के लिए दी गई अतिरिक्त छूट के अलावा पते के प्रमाण के प्रयोजन से अतिरिक्त छूट प्रदान की गयी है। इसप्रकार सरलीकृत उपायों के तहत पते के प्रमाण के सीमित प्रयोजन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों को ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज’ माना जाएगा:-
3. ऊपर उल्लिखित अतिरिक्त दस्तावेजों को सरलीकृत उपायों के तहत ‘कम जोखिम’ वाले ग्राहकों के लिए केवल पते के प्रमाण के सीमित प्रयोजन के लिए ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज’ माना जाएगा, यदि ग्राहक इस प्रयोजन के लिए कोई आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में असमर्थ हो। 4. पीएमएल नियमों में संशोधन के संबंध में सरकार की दिनांक 15 अप्रैल 2015 की राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 288 (ई) इसके साथ संलग्न है। 5. आपको सूचित किया जाता है की आप उक्त अनुदेशों के अनुसार अपनी केवायसी नीति को संशोधित करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित करें। भवदीया, (लिली वडेरा) संलग्नक: यथोक्त |