धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) मानक - मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत सीमापार आवक धनप्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) मानक - मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत सीमापार आवक धनप्रेषण
भारिबैंक/2010-11/471 06 अप्रैल 2011 सभी प्राधिकृत व्यक्ति जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया/महोदय धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) मानक - मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत सीमापार आवक धनप्रेषण प्राधिकृत व्यक्तियों, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं, का ध्यान 27 नवंबर 2009 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 18 (ए.पी. (एफएल सिरीज) परिपत्र सं. 05) के संलग्नक -। के पैराग्राफ 5.10(बी) की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस विषय पर 22 अक्तूबर 2010 को एक और विवरण जारी किया है (प्रतिलिपि संलग्न) जिसमें सूचीबद्ध क्षेत्रों से अपेक्षा की है कि वे समय सीमा के भीतर अपनी कार्य योजना को कार्यान्वित करने का कार्य पूरा करें । एफएटीएफ ने अपने विवरण में अपने सदस्यों से अपेक्षा की है कि वे विवरण में दी गयी सूचना पर विचार करेंगे । 3. तदनुसार प्राधिकृत व्यक्तियों (एपीएस) को सूचित किया जाता है कि वे संलग्न विवरण में दी गयी सूचना पर विचार करें । 4. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. कृपया आपके प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1), और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और लागत के अभिलेखों का रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के तहत जारी किये गये हैं । इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित अधिनियमों अथवा उसके तहत बनाये गये नियमों के दंडात्मक प्रावधानों को लागू किया जाएगा । भवदीया (श्रीमती सुजाता एलिजाबेथ प्रसाद) |