अतिरिक्त पेंशन देयता का परिशोधन - 01 नवंबर 1993 से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में लागू पेंशन योजना - विवेकपूर्ण विनियामक उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
अतिरिक्त पेंशन देयता का परिशोधन - 01 नवंबर 1993 से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में लागू पेंशन योजना - विवेकपूर्ण विनियामक उपाय
आरबीआई/2024-2025/127 20 मार्च 2025 महोदया / महोदय, अतिरिक्त पेंशन देयता का परिशोधन - 01 नवंबर 1993 से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में लागू पेंशन योजना - विवेकपूर्ण विनियामक उपाय दिनांक 12 दिसंबर 2019 के नाबार्ड के परिपत्र एनबी.डीओएस.पीओएल.एचओ/2533/जे-1/2019-20 के संबंध में, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पूर्व में 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्तीय वर्ष से आरंभ होकर पांच वर्ष की अवधि में आरआरबी (कर्मचारी) पेंशन योजना 2018 के तहत अपनी पेंशन देयता को परिशोधित करने की अनुमति दी गई थी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अब 01 नवंबर 1993 से पेंशन योजना लागू करनी होगी। तथापि, एक ही वर्ष में बढ़ी हुई देयता को वहन करने में व्यक्त की गई कठिनाइयों को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इस मामले में निम्नलिखित कार्यवाही कर सकते हैं: ए) पेंशन योजना की प्रयोज्यता के कारण देयता को लागू लेखांकन मानकों के अनुसार पूरी तरह से मान्यता दी जाएगी। बी) यदि 2024-25 वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशन में संशोधन के कारण होने वाले व्यय को लाभ और हानि खाते में पूरी तरह से प्रभारित नहीं किया जाता है, तो उसे 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष से शुरू होने वाले पांच वर्षों तक की अवधि में परिशोधित किया जा सकता है, बशर्ते कि इसमें शामिल कुल पेंशन देयता का न्यूनतम 20 प्रतिशत प्रति वर्ष व्यय किया जाए। सी) इस संबंध में अपनाई जाने वाली लेखा नीति का उचित प्रकटन वित्तीय विवरणों के 'लेखांकन की टिप्पणी' में किया जाना चाहिए। 'लेखांकन की टिप्पणी' में अपरिशोधित व्यय की राशि का भी प्रकटन होना चाहिए। यदि अपरिशोधित व्यय को लाभ-हानि खाते में पूर्ण रूप से मान्यता दी गई होती, तो शुद्ध लाभ क्या होता, इसका भी प्रकटन 'लेखांकन की टिप्पणी' में किया जाना चाहिए। डी) पेंशन से संबंधित अपरिशोधित व्यय को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की टियर 1 पूंजी से कम नहीं किया जाएगा। प्रयोज्यता 2. वित्तीय वर्ष 2024-25 से यह परिपत्र सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर लागू होगा। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण - प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 को तदनुसार अद्यतन किया जाएगा। भवदीया, (उषा जानकीरामन) |