भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों की रिपोर्टिंग के लिए वार्षिक विवरणी – संशोधित फॉर्मेट - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों की रिपोर्टिंग के लिए वार्षिक विवरणी – संशोधित फॉर्मेट
भारिबैंक/2011-12/613 20 जून 2012 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (AD Category-I) बैंकों का ध्यान 15 मार्च 2011 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 45 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ, यह विनिर्दिष्ट किया गया था कि सभी भारतीय कंपनियों, जिन्होंने चालू वर्ष सहित विगत वर्ष(वर्षों) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया है और/या विदेश में प्रत्यक्ष निवेश (अर्थात बाह्य निवेश) किया हैं, को विदेशी देयताएं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक विवरणी निदेशक, बाह्य देयताएं और परिसंपत्तियां सांख्यिकी प्रभाग, सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सी-8, तीसरी मंज़िल, बांद्रा-कुर्ला संकुल, बांद्रा (पूर्व), मुंबई-400051 को प्रति वर्ष 15 जुलाई तक सीधे प्रस्तुत की जानी आवश्यक है। 2. विदेशी देयताएं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक विवरणी संलग्नक के अनुसार अब संशोधित की गयी है । उपयोगकर्ताओं को मार्गदर्शन के साथ विवरणी का सहज भरने-योग्य सॉफ्ट फॉर्म तथा इन-बिल्ट वैधीकरण (validation) अब भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in→फॉर्म्स श्रेणी→ फेमा फॉर्म्स) पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जो विधिवत भरते हुए वैध किया जा सकता है तथा प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई तक ई-मेल द्वारा भेजा जाना चाहिए। ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 3. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी और 7 जुलाई 2004 की क्रमश: अधिसूचना सं. फेमा.120/2000 के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 और विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन करने वाली अधिसूचनाएं अलग से जारी की जा रही हैं। 4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। (रुद्र नारायण कर) |