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धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का सामना (सीएफटी) – मानक

आरबीआई/2010-11/374
डीपीएसएस.केका.एडी.सं.1569/02.27.005/2010-11

18 जनवरी 2011

भारत में भुगतान प्रणाली का संचालन करने वाले सभी प्राधिकृत प्रतिष्‍ठान

प्रिय महोदय

धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का सामना (सीएफटी) – मानक

हम इसके साथ उपयुक्‍त विषय पर वित्तीय कार्रवाई टॉस्‍क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा 22 अक्‍तूबर 2010 को जारी वक्‍तव्‍य की प्रतिलिपि अग्रेषित कर रहे हैं (संलग्‍न)। यह देखा जा सकता है कि इस वक्‍तव्‍य में रणनीतिपरक एएमएल/सीएफटी विसंगतियों वाले अधिकारक्षेत्रों को निम्‍नानुसार दो समूहों में विभाजित किया गया है:

  1. ऐसे अधिकार क्षेत्र जिनके लिए एफएटीएफ ने अपने सदस्‍यों और अन्‍य अधिकार क्षेत्रों से कहा है कि वे अधिकारक्षेत्र : ईरान से पैदा हो रहे सतत और महत्त्वपूर्ण धन-शोधन और आतंकियों के वित्तपोषण (एमएल/एफटी) जोखिमों से अंतरराष्‍ट्रीय वित्तीय प्रणाली को बचाने के प्रतिकारी-उपायों को लागू करें।

  2. रणनीतिपरक एएमएल/सीएफटी विसंगतियों वाले ऐसे अधिकारक्षेत्रों जिन्‍होंने अक्‍तूबर 2010 तक महत्त्वपूर्ण विसंगतियों का समाधान करने के लिए एफएटीएफ के साथ मिलकर किसी कार्रवाई योजन के लिए प्रतिबद्धता नहीं की है। एफएटीएफ ने अपने सदस्‍यों से कहा है कि प्रत्‍येक अधिकारक्षेत्र : कोरिया के लोकतांत्रिक जन गणतंत्र (डीपीआरके) के साथ जुड़ी हुई विसंगतियों से पैदा होने वाले जोखिमों पर विचार करें।

2. तदनुसार भारत में भुगतान प्रणाली का संचालन करने वाले सभी प्राधिकृत प्रतिष्‍ठानों को सूचित किया जाता है कि वे इन देशों/अधिकारक्षेत्रों में रहने वाले या इनके लोगों के साथ (विधिक व्‍यक्तियों और अन्‍य वित्तीय संस्‍थानों सहित) कारोबारी संबंध और संव्‍यवहार स्‍थापित करते समय इन देशों के एएमएल/सीएफटी व्‍यवस्‍था में विसंगतियों से पैदा होने वाले जोखिमों को ध्‍यान में रखें।

3. आपको यह भी सूचित किया जाता है कि एएमएल/सीएफटी व्‍यवस्‍था में विसंगतियों वाले अधिकारक्षेत्रों यथा - ईरान, कोरिया के लोकतांत्रिक जन गणतंत्र (डीपीआरके) और साओ टोम और प्रिन्सिप के कारण पैदा होने वाले जोखिमों के बारे में जारी किए परिपत्र डीबीओडी.एएमएल.सं.1930/14.01.036/2009-10 दिनांक 2 अगस्‍त 2010 का अवलोकन करें। यह परिपत्र हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्‍ध है।

4. नोडल अधिकारी / प्रधान अधिकारी कृपया इस परिपत्र की पावती भिजवाएं।

भवदीय,

(के. सी. आनंद)
उप महाप्रबंधक

संलग्‍नक: यथोक्‍त

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