धन शोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - मानक
भारिबैं/2011-12/140 03 अगस्त 2011 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, धन शोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के कृपया ईरान और डेमोक्रेटिक पिपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) में एएमएल/ सीएफटी में पायी गयी कमियों से उत्पन्न होने वाले जोखिमों पर दिनांक 27 अप्रैल 2011 का हमारा पत्र ग्राआऋवि. केंका. आरसीबी. एएमएल. सं. 12295/07.02.12/2010- 11 देखें। 2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उक्त विषय पर 24 जून 2011 को एक और वक्तव्य जारी किया है (प्रतिलिपि संलग्न) जिसमें एफएटीएफ अपने सदस्यों तथा अन्य क्षेत्रों से अपेक्षा करता है कि ईरान और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) से उत्पन्न होनेवाले धनशोधन निवारण और आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी लगातार जारी तथा महत्वपूर्ण जोखिमों से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को बचाने के लिये प्रतिरोधी उपाय लागू करें । 3. यह परामर्श भारतीय बैंकों को ईरान के साथ विधिसंगत व्यापार और कारोबारी व्यवहार करने से प्रतिबंधित नहीं करता है । 4. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान की है जिनमें धन शोधन निवारण /आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रतिरोध संबंधी नीतिगत कमियाँ हैं तथा जिन्होंने प्रमुख कमियों को दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ विकसित कार्य नीति को कार्यान्वित करने के प्रति प्रतिबध्दता नहीं दर्शायी है । एफएटीएफ अपने सदस्यों से अनुरोध करता है कि वे निम्नलिखित में से प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी कमियों से उत्पन्न जोखिम पर विचार करें: बोलिविया, क्यूबा, इथिओपिया, केन्या, म्यानमार, श्रीलंका, सीरिया और टर्की । 5. सभी बैंकों को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे इन देशों / क्षेत्रों के व्यक्तियों (जिनमें विधिक व्यक्ति और अन्य वित्तीय संस्थाएँ भी शामिल हैं) के साथ कारोबारी संबंध बनाते समय और लेनदेन करते समय इन देशों की एएमएल/सीएफटी प्रणाली में पायी गयी कमियों से उत्पन्न होनेवाले जोखिमों को ध्यान में रखें। 6. कृपया अपने बैंक के प्रधान अधिकारी को सूचित करें कि हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) अनुलग्नक : यथोक्त |