धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का सामना (सीएफटी) – मानक - आरबीआई - Reserve Bank of India
धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का सामना (सीएफटी) – मानक
आरबीआई/2011-12/156 18 अगस्त 2011 पीएसएस अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकृत प्रिय महोदय धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का सामना (सीएफटी) – मानक कृपया हमारे परिपत्र डीपीएसएस.केका.एडी.सं.2318/02.27.005/2010-11 दिनांक 8 अप्रैल 2011 का अवलोकन करें जो ईरान और कोरिया के लोकतांत्रिक जन गणतंत्र (डीपीआरके) के क्षेत्र में एएमएल/सीएफटी विसंगतियों से होने वाले जोखिमों के बारे में है। 2. इस विषय पर वित्तीय कार्रवाई टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) ने 24 जून 2011 को अपने वक्तव्य (प्रतिलिपि संलग्न) को अद्यतन करते हुए आपने सदस्यों और अन्य अधिकारक्षेत्रों से कहा कि ईरान और कोरिया के लोकतांत्रिक जन गणतंत्र (डीपीआरके) से पैदा हो रहे सतत और महत्त्वपूर्ण धन-शोधन और आतंकियों के वित्तपोषण (एमएल/एफटी) जोखिमों से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को बचाने के प्रतिकारी-उपायों को लागू करें। 3. यह परामर्श-सूचना भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकृत भुगतान प्रणाली संचालकों को ईरान के साथ न्यायसंगत व्यापार और व्यवसाय करने से प्रतिबंधित नहीं करती है। 4. एफएटीएफ ने रणनीतिपरक एएमएल/सीएफटी विसंगतियों वाले ऐसे अधिकारक्षेत्रों को भी अभिनिर्धारित किया है जिन्होंने इन विसंगतियों का समाधान करने में पर्याप्त प्रगति नहीं की है या इन विसंगतियों का समाधान करने के लिए एफएटीएफ के साथ मिलकर तैयार की गई कार्रवाई योजना के लिए प्रतिबद्धता नहीं की है। एफएटीएफ अपने सदस्यों से अपेक्षा करता है कि वे इस वक्तव्य में उल्लिखित प्रत्येक अधिकारक्षेत्रों यथा – बोलिविया, क्यूबा, इथियोपिया, केन्या, म्यांमार, श्रीलंका और सीरिया, टर्की के साथ जुड़ी विसंगतियों से पैदा होने वाले जोखिमों पर विचार करें। 5. तदनुसार भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकृत सभी भुगतान प्रणाली संचालकों को सूचित किया जाता है कि वे इन देशों/अधिकारक्षेत्रों में रहने वाले या इनके लोगों के साथ (विधिक व्यक्तियों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित) कारोबारी संबंध और संव्यवहार स्थापित करते समय इन देशों की एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में विसंगतियों से पैदा होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखें। 6. नोडल अधिकारी / प्रधान अधिकारी कृपया इस परिपत्र की पावती भिजवाएं। भवदीय, (के. शिवरामन) संलग्नक : यथोक्त |