कोविड-19 विनियामकीय पैकेज की समाप्ति के बाद आस्ति वर्गीकरण और आय निर्धारण - आरबीआई - Reserve Bank of India
कोविड-19 विनियामकीय पैकेज की समाप्ति के बाद आस्ति वर्गीकरण और आय निर्धारण
भारिबैं/2021-22/17 7 अप्रैल 2021 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदया/ महोदय, कोविड-19 विनियामकीय पैकेज की समाप्ति के बाद आस्ति वर्गीकरण और आय निर्धारण भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 23 मार्च 2021 को स्मॉल स्केल इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन बनाम यूओआई एवं अन्य और अन्य जुड़े मामलों में अपना फैसला सुनाया है। इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि: I. 'ब्याज पर ब्याज' का प्रतिदान (रिफंड)/ समायोजन 2. सभी ऋण देने वाली संस्थाएं1 उपरोक्त निर्णय के अनुरूप अधिस्थगन अवधि के दौरान अर्थात 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक उधारकर्ताओं को ‘ब्याज पर ब्याज’ का प्रतिदान/ समायोजित करने के लिए तत्काल बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाएंगी । यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपरोक्त निर्णय को सभी ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा एक समान रूप से अक्षरश तथा भाव मे लागू किया जाए, विभिन्न सुविधाओं के लिए प्रतिदान/ समायोजित की जाने वाली राशि की गणना के लिए कार्यप्रणाली को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा अन्य उद्योग सहभागियों/ निकायों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसे सभी ऋण देने वाली संस्थाएं अपनाएंगे। 3. उपरोक्त राहत 27 मार्च 2020 के परिपत्र सं डीओआर.बीपी.बीसी.47/21.04.048/2019-20 और 23 मई 2020 के परिपत्र सं डीओआर.बीपी.बीसी.71/21.04.048/2019-20 (कोविड-19 विनियामकीय पैकेज) के तहत उन सभी उधारकर्ताओं पर लागू होंगी, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने अधिस्थगन अवधि के दौरान कार्यशील पूंजी सुविधाओं का लाभ उठाया था, इस बात पर ध्यान दिए बिना कि अधिस्थगन का पूरी तरह से या आंशिक रूप से लाभ उठाया गया था, या इसका लाभ नहीं उठाया गया था। 4. ऋण देने वाली संस्थाएं 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अपने वित्तीय विवरणों में उपरोक्त राहतों के आधार पर अपने उधारकर्ताओं के संबंध में प्रतिदान/ समायोजित की जाने वाली कुल राशि का खुलासा करेंगी। II. आस्ति वर्गीकरण 5. उपरोक्त निर्णय के बाद सभी ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा उधारकर्ता खातों का आस्ति वर्गीकरण नीचे स्पष्ट किए गए मौजूदा निर्देशों द्वारा नियंत्रित किया जाता रहेगा।
भवदीय, (मनोरंजन मिश्र) 1 वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित), प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियां सहित) |