बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – धारा 26 क – जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना, 2014 – परिचालन संबंधी दिशानिर्देश – ब्याज की अदायगी - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – धारा 26 क – जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना, 2014 – परिचालन संबंधी दिशानिर्देश – ब्याज की अदायगी
आरबीआई/2013-14/665 26 जून 2014 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – धारा 26 क – कृपया जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना 2014 (योजना) पर दि 21 मार्च 2014 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीईएएफ कक्ष. बीसी. 101/30.01.002/2013-14 देखें। इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि इस योजना को 24 मई 2014 को शासकीय राजपत्र में अधिसूचित किया गया। 2. बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26 क (2) के अनुसार जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि (निधि) में अंतरित की गई किसी अदावी राशि के संबंध में कोई भी बैंकिंग कंपनी को जमाकर्ता या किसी अन्य दावेदार द्वारा ऐसी जमाराशि या अदावी राशि के लिए दावा करने पर इसकी चुकौती रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में विनिर्दिष्ट की जाने वाली ब्याज दर से करनी होगी। उक्त अधिनियम की धारा 26 क (3) के अनुसार, जहां बैंकिंग कंपनी ने ऐसी राशि का भुगतान किया है अथवा ऐसे खाते का परिचालन या जमा की अनुमति दी है, ऐसी बैंकिंग कंपनी निधि से ऐसी राशि की वापसी के लिए आवेदन कर सकती है। तदनुसार, रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह विनिर्दिष्ट करता है कि बैंकों द्वारा जमाकर्ताओं/दावेदारों को उनकी निधि में अंतरित अदावी ब्याज सहित जमाराशियों पर अदा किए जाने वाले ब्याज की दर अगली सूचना दिए जाने तक 4 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर होगी। इस संबंध में अदायगी योग्य ब्याज की राशि की गणना योजना के पैराग्राफ 4(ii) में विनिर्दिष्ट पद्धति से की जाएगी तथा ब्याज की राशि को निकटतम रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा। 3. उदाहरणार्थ, यदि कोई बैंक 30 जून 2014 को बचत बैंक खाते से संबंधित रु. 10,000/- निधि में अंतरित करता है और उसके बाद 30 जुलाई 2014 को यह राशि दावेदार को अदा करता है, तो ब्याज की राशि 4% वार्षिक की साधारण दर से 30 दिन (वर्ष में 365 दिन मानते हुए) के लिए 33 रुपये होगी तथा निधि से धन-वापसी के दावे की कुल राशि रु. 10,033/- होगी। भवदीय, (सुदर्शन सेन) |