अर्हित वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग - विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अर्हित वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग - विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों में संशोधन
आरबीआई/2020-21/115 30 मार्च 2021 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय, अर्हित वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग - विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों में संशोधन भारत सरकार द्वारा दिनांक 1 अक्तूबर 2020 के राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. 3463 (ई) द्वारा अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग अधिनियम, 2020 (इसके बाद "अधिनियम" कहा जाएगा) को अधिसूचित किया गया है। यह अधिनियम अर्हित वित्तीय संविदा अनुबंधों (क्यूएफसी) के द्विपक्षीय नेटिंग की प्रवर्तनीयता के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। 2. अधिनियम की धारा 4 (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2021 के अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.2/14.03.043/2020-21, के द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय III-डी की धारा 45 (यू) के तहत परिभाषित(ए) "डेरिवेटिव"; एवं (बी) "रेपो" और "रिवर्स रेपो" लेनदेनों को क्यूएफसी के रूप में अधिसूचित किया है। 3. तदनुसार, निम्नलिखित परिपत्रों में निहित चुनिंदा अनुदेशों को सुधार / संशोधित किया गया है: ए) 'बासल III पूंजी विनियमावली' पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.1/21.06.201/2015-16 – अनुबंध 1 में दिया गया है; बी) ‘चलनिधि मानकों पर बासल III संरचना – निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) – अंतिम दिशानिर्देश’ पर दिनांक 17 मई 2018 के परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.106/21.04.098/2017-18 - अनुबंध 2 में दिया गया है; सी) ‘अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गिकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.2/21.04.048/2015-16 - अनुबंध 3 में दिया गया है; डी) ‘पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नया पूंजी पर्याप्तता ढांचा (एनसीएएफ)’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.4./21.06.001/2015-16 - अनुबंध 4 में दिया गया है। संशोधित निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। भवदीया, (उषा जानकीरामन) |