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अर्हित वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग - विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों में संशोधन

आरबीआई/2022-23/107
डीओआर.एमआरजी.आरईसी.64/00-00-005/2022-23

11 अगस्त 2022

महोदय / महोदया,

अर्हित वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग - विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों में संशोधन

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 मार्च 2021 का परिपत्र डीओआर.सीएपी.51/21.06.201/2020-21 और दिनांक 31 मार्च 2022 का परिपत्र डीओआर.सीएपी.आरईसी.सं.97/21.06.201/2021-22 देखें।

2. वर्तमान में, प्रतिपक्ष ऋण जोखिम के लिए पूंजी आवश्यकताओं की गणना करते समय, निम्नलिखित एक्सपोजर, जहां कहीं अनुमोदित है, को छूट दी गई है या सीमित रखा गया है:

क) विदेशी मुद्रा (सोने को छोड़कर) संविदाओं, जिनकी मूल परिपक्वता 14 कैलेंडर दिन या उससे कम है, को प्रतिपक्ष ऋण जोखिम के लिए पूंजी आवश्यकताओं से बाहर रखा गया है।

ख) 'विक्रय हुए विकल्पों', बशर्ते कि संपूर्ण प्रीमियम/शुल्क या आय के किसी अन्य रूप को प्राप्त/उगाही किया गया हो, को प्रतिपक्ष ऋण जोखिम के लिए पूंजी आवश्यकताओं से बाहर रखा गया है।

ग) क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप ट्रांजैक्शन जहां बैंक सुरक्षा विक्रेता है, एक्सपोजर सुरक्षा खरीदार द्वारा भुगतान न किए गए प्रीमियम की राशि तक सीमित है।

3. हमें विनियमित संस्थाओं (आरई) से द्विपक्षीय नेटिंग ढांचे के तहत उपरोक्त छूट/सीमाओं की प्रयोज्यता के संबंध में प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि:

क) 14 कैलेंडर दिनो अथवा उससे कम की मूल परिपक्वता वाली विदेशी मुद्रा (सोने को छोड़कर) संविदाओं के लिए छूट उन संस्थाओं पर लागू होगी जो प्रतिपक्ष ऋण जोखिम की गणना मूल एक्सपोजर विधि के तहत बिना द्विपक्षीय नेटिंग का लाभ उठाए कर रहें हैं। तदनुसार, यह छूट केवल उन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और सहकारी बैंकों पर लागू होगी, जहां बैंक द्वारा द्विपक्षीय नेटिंग ढांचा नहीं अपनाया गया है। अन्य संस्थाओं के लिए छूट को वापस ले लिया गया है।

ख) 'विक्रय हुए विकल्पों', बशर्ते कि संपूर्ण प्रीमियम/शुल्क या आय के किसी अन्य रूप को प्राप्त/उगाही किया गया हो, को केवल तभी बाहर रखा जा सकता है जब ऐसे 'विक्रय हुए विकल्प' नेटिंग और मार्जिन करारों से बाहर हों।

ग) क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के लिए जहां बैंक सुरक्षा विक्रेता है और जो नेटिंग और मार्जिन करारों से बाहर है, एक्सपोजर को अशोधित प्रीमियम राशि तक सीमित किया जा सकता है। इस सीमा को लागू करने के लिए बैंकों के पास अपने कानूनी नेटिंग सेट से ऐसे क्रेडिट डेरिवेटिव को हटाने का विकल्प है।

4. तदनुसार, अनुबंध में दिए गए विवरण के अनुसार चुनिंदा अनुदेशों को संशोधित/परिवर्तित किया गया है।

प्रयोज्यता

5. यह परिपत्र सभी वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों, स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलरों, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशियां स्वीकार न करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-एनडी-एसआई), जमाराशियां स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-डी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफ़सी) पर लागू है।

6. ये अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

भवदीया

(उषा जानकीरामन)
मुख्य महाप्रबंधक

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