विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान
भारिबैंक/2012-13/114 5 जुलाई 2012 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 8 दिसंबर 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.39, और 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.75 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (एफसीसी बांड़) के पुनर्खरीद की योजना कतिपय संशोधनों की शर्त के अधीन जारी रखी जाए । 3. तदनुसार, रिज़र्व बैंक, भारतीय कंपनियों से विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (एफसीसी बांड़) की पुनर्खरीद के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर अनुमोदन मार्ग के तहत विचार करेगा, बशर्ते: ए) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों का पुनर्खरीद मूल्य, उपचित मूल्य पर 5 प्रतिशत के न्यूनतम बट्टे तक होगा। बी) यदि विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की पुनर्खरीद के लिए, भारतीय कंपनी विदेशी मुद्रा उधार लेना चाहती है तो विदेशी मुद्रा उधार से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के सभी नियमों/विनियमों का पालन किया जाना चाहिए । सी) 8 दिसंबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.39 के पैराग्राफ 5 में यथा विनिर्दिष्ट सभी अन्य शर्तें लागू बनी रहेंगी । डी) यह सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू होगी और पुनर्खरीद की संपूर्ण प्रक्रिया 31 मार्च 2013 तक पूरी हो जानी चाहिए, जिसके बाद योजना समाप्त हो जाएगी । 4. बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) 2 विवरणी प्रस्तुत करने की मौजूदा आवश्यकता पहले की तरह बनी रहेगी । इसके अलावा, पुनर्खरीद की समाप्ति पर, पुनर्खरीद के ब्योरे, जैसे विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (एफसीसी बांड़ों) की बकाया राशि, फिर से खरीद किए गये विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों का उपचित मूल्य, वह दर जिस पर विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की वापसी खरीद की गयी, उनमें प्रयुक्त राशि और निधियों के स्रोत/ स्रोतों, आदि देते हुए पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक के मार्फत भारतीय रिज़र्व बैंक को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों तथा ग्राहकों को अवगत करने का कष्ट करें । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन,यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया, (रश्मि फौजदार) |