ऋण का इक्विटी में रूपांतरण - समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण का इक्विटी में रूपांतरण - समीक्षा
भारिबैं/2017-18/101 23 नवंबर, 2017 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रिय महोदय / महोदया, ऋण का इक्विटी में रूपांतरण - समीक्षा कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे परिपत्र डीएनबीएस (पीडी) सीसी संख्या 35/एससीआरसी/26.03.001/2013-14 दिनांक 23 जनवरी 2014 को देखें। 2. आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) द्वारा पुनर्निर्माण के अधीन उधारकर्ता कंपनी की परिवर्तन पश्चात इक्विटी की शेयरधारिता पर लगाई गई सीमा की समीक्षा कर, नीचे पैरा 3 में निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाली एआरसी को सरफेसी अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुपालन/भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर एआरसी के लिए लागू दिशानिर्देश / निर्देश और साथ ही साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, कंपनी अधिनियम, 2013, सेबी विनियमावली और अन्य सम्बद्ध कानून के पालन के अधीन, 26% की सीमा से छूट देने का निर्णय लिया गया है। ऋण के इक्विटी में रूपांतरण के पश्चात शेयरधारिता की सीमा उस विशिष्ट क्षेत्र के लिए अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) सीमा के अनुसार होगी। 3. नीचे उल्लिखित शर्तों को पूरा करने वाली एआरसी को उधारकर्ता कंपनी की रूपांतरण पश्चात इक्विटी के 26% शेयरहोल्डिंग की सीमा से छूट दी जाती है:
4. एआरसी, कंपनियों के प्रबंधन के लिए क्षेत्र-विशिष्ट की ऐसी प्रबंधन कंपनियों / व्यक्तियों का एक पैनल तैयार करने की संभावना पर विचार कर सकती है, जिसे फर्म /कंपनियों को चलाने में विशेषज्ञता प्राप्त हो। भवदीय, (सी डी श्रीनिवासन) |