भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना
आरबीआइ/2009-10/407 20 अप्रैल 2010 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - कृपया उपर्युक्त विषय पर 29 जनवरी 2010 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 71/12.01.001/2009-10 देखें। 2. वर्तमान मूल्यांकन के आधार पर तथा 20 अप्रैल 2010 को जारी रिज़र्व बैंक के मौद्रिक नीति वक्तव्य 2010-2011 में वर्णित नीतिगत दृष्टिकोण के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंक के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 24 अप्रैल 2010 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 5.75 प्रतिशत से 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया जाए। 3. 20 अप्रैल 2010 की संबंधित अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 89/12.01.001/2009 - 10 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति सूचना दें। भवदीय (पी. के. महापात्र) अनुलग्नक : 1 बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 89/12.01.001/2009-2010 20 अप्रैल 2010 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा पूर्व में जारी 29 जनवरी 2009 की अधिसूचना बैंपविवि.सं.आरईटी बीसी. 70/ 12.01.001/2009-2010 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक द्वारा रखा जाने वाला औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 24 अप्रैल 2010 से आरंभ होने वाले पखवाड़े से उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं का 6.00 प्रतिशत होगा। (आनंद सिन्हा) |