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साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना प्रस्तुत किए जाने हेतु डेटा फार्मेट और अन्य विनियामक उपाय

आरबीआई/2014-15/125
शबैंवि.केंका.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.4/16.74.000/2014-15

15 जुलाई 2014

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय/महोदया,

साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना प्रस्तुत किए जाने हेतु डेटा फार्मेट और अन्य
विनियामक उपाय

भारतीय रिज़र्व बैंक ने साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना प्रस्‍तुत किए जाने हेतु डेटा फॉर्मेट की अनुशंसा करने के लिए एक समिति (अध्‍यक्षः श्री आदित्‍य पुरी) का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट 22 मार्च 2014 को रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर रखी गई थी तथा समिति की सिफारिशों पर टिप्‍पणियां आमंत्रित की गई थीं। समिति की रिपोर्ट को आरबीआई के बेवसाइट में /en/web/rbi/-/publications/reports/report-of-the-committee-to-recommend-data-format-for-furnishing-of-credit-information-to-credit-information-companies-763) के लिंक पर देखा जा सकता है।

2. समिति की सिफारिशों और प्राप्त टिप्पणियों/सुझावों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित सिफारिशों को, जहां अपेक्षित हो, सुधारों के साथ कार्यान्वित किया जाए:

i. ऋण देने संबंधी सभी निर्णयों में तथा खाता खोलने के लिए ऋण सूचना रिपोर्ट (सीआईआर)/साख ब्यूरो का उपयोग: शहरी सहकारी बैंकों अपनी ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया/ऋण नीतियों में एक या एक से अधिक साख सूचना कंपनियों से सीआईआर मंगवाए जाने संबंधी उचित प्रावधानों को शामिल करें ताकि सिस्टम में उपलब्ध सूचना के आधार पर ऋण सबंधी निर्णय लिए जा सकें। इसी परिप्रेक्ष्य में, चूंकि साख सूचना कंपनियों के पास वाणिज्यिक उधारकर्ताओं के डेटा पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं, शुरुआती तौर पर शहरी सहकारी बैंक खुदरा उधारकर्ताओं/उपभोक्ता उधारकर्ता घटक के लिए ऋण देने संबंधी सभी निर्णयों में तथा खाता खोलने हेतु अपने बोर्ड के अनुमोदन से साख ब्यूरो के प्रयोग की नीति को लागू करें। [सिफारिश 8.9]

ii. सभी साख सूचना कंपनियों के डेटाबेस को वाणिज्यिक उधारकर्ताओं के डेटा से परिपूर्ण बनाया जाना: साख सूचना कंपनियां अपने डेटाबेस में वाणिज्यिक उधारकर्ताओं के संबंध में पर्याप्त रूप से डेटा शामिल कर सके इसके लिए एक कार्ययोजना लागू किए जाने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे तत्काल प्रभाव से अपने कार्पोरेट उधारकर्ताओं के संबंध में डेटा की रिर्पोटिंग साख सूचना कंपनियों को समयबद्ध रूप से करें। छह महीने की अवधि के बाद, शहरी सहकारी बैंक को भी बोर्ड अनुमोदित नीति के तहत वाणिज्यिक/कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के संबंध में साख सूचना कंपनियों के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग शुरू करें। [सिफारिश 8.8]

iii. डेटा फार्मेट का मानकीकरण: शहरी सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों को डेटा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाए जाने की दृष्टि से, शहरी सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों को डेटा प्रस्तुत किए जाने संबंधी फार्मेटों को मानकीकृत किए जाने का निर्णय लिया गया है। उपभोक्‍ता और वाणिज्यिक उधारकर्ताओं के लिए डेटा फार्मेट को मानकीकृत किए जाने के संबंध में अनुबंध-। में बताए गए फार्मेट को आधार मानें। शहरी सहकारी बैंकों को साख सूचना कंपनियों को डेटा प्रस्तुत करने के लिए इन फार्मेटों का प्रयोग तत्काल प्रभाव से शुरू करे। ये डेटा फार्मेट अविशिष्ट रिपोर्टिंग फार्मेट होंगे और अब से ये “समरूप क्रेडिट रिपोर्टिंग फार्मेट” के नाम से जाने जाएंगे। विभिन्न खंड यथा- उपभोक्ता और वाणिज्यिक को कोष्ठकों में उचित प्रकार से चिह्नित किया जाएगा, उदाहरण के लिए –“समरूप क्रेडिट रिपोर्टिंग फार्मेट (उपभोक्ता)”। इनको शहरी सहकारी बैंकों द्वारा समान रूप से अपनाया जाना चाहिए। [सिफारिश 8.10 (क)]

iv. तकनीकी कार्यदल: डेटा फार्मेट की निरंतर रूप से समीक्षा करने तथा जरूरी होने पर संशोधन किए जाने की प्रणाली स्थापित करने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, (सरकारी क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र बैंक और विदेशी बैंक प्रत्येक से एक सदस्य), शहरी सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाओं, साख सूचना कंपनियों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों, भारतीय बैंक संघ तथा माइक्रो वित्तीय संस्था नेटवर्क के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक तकनीकी कार्य दल का गठन करने का निर्णय लिया गया है। कार्यदल डेटा फार्मेट की आवधिक रूप से, जैसे कि वर्ष में एक बार, समीक्षा करेगा और इसमें संशोधन हेतु सुझाव देगा। यह विभिन्न डेटा फार्मेट यथा- उपभोक्ता, वाणिज्यिक और एमएफआई के सभी डेटा फील्डस के लिए नियमों का निर्धारण करेगा। दल द्वारा डेटा फार्मेट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसको भारतीय रिजर्व बैंक को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। तकनीकी कार्य दल की सिफारिशों को कार्यान्वित करने के लिए सिबिल कार्यदल के संयोजक के रूप में कार्य करेगा और सिफारिशों को परिचालनीय बनाने में मुख्य भूमिका निभाएगा। शुरुआती तौर पर कार्यदल प्राथमिकता के आधार पर वाणिज्यिक उधारकर्ता घटक के डेटा फार्मेट में बदलाव पर विचार करेगा, जहां सदस्य बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के बीच संघीय/बहुविध बैंकिंग व्यवस्थाओं के तहत सूचना का आदान-प्रदान किए जाने हेतु अपेक्षित डेटा संगृहीत किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है और इससे उपर्युक्त पैरा 2 (iii) में दिए गए अनुदेशों के कार्यान्वयन में भी मदद मिलेगी। कार्यदल अनुबंध II में दिए गए अतिरिक्त फ़ील्ड्स भी शामिल करेगा। [सिफारिशें 8.10 (ख) और 8.11]

v. अस्वीकृत डेटा में सुधार किया जाना: साख सूचना कंपनियों को डेटा स्वीकृति में शामिल आधार और मान्यकरण प्रक्रियाओं को शहरी सहकारी बैंकों के साथ साझा करना चाहिए ताकि डेटा अस्वीकृति के अवसरों को न्यूनतम किया जा सके। अस्वीकृति के कारणों को मानकीकृत किए जाने और शहरी सहकारी बैंकों के बीच परिचालित किए जाने की आवश्यकता है। अस्वीकृति रिपोर्टें आसान और सरल बनाई जानी चाहिए ताकि इनका प्रयोग रिपोर्टिंग और डेटा स्तरीय मुद्दों के समाधान हेतु किया जा सके। शहरी सहकारी बैंकों को चाहिए कि वे अस्वीकृति रिपोर्ट प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर अस्वीकृत डेटा में सुधार करें और इसे साख सूचना कंपनियों को पुन: प्रस्तुत (अपलोड) करें। [सिफारिश 8.15]

vi. डेटा गुणवत्ता सूचकांक: एक सामान्य डेटा गुणवत्ता सूचकांक शहरी सहकारी बैंकों को उनके डेटा में कमियों को पहचानने और समय के साथ-साथ उनके निष्पादन में सुधार लाने में सहायक होगा। इसके अलावा, वे अपने समकक्षों की तुलना में अपने निष्पादन के स्तर को मापने और अपनी सापेक्ष स्थिति का निर्धारण करने में भी समर्थ हो सकेंगे। शहरी सहकारी बैंक अपने डेटा प्रस्तुतीकरण की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए इस डेटा गुणवत्ता सूचकांक को अपना सकते हैं और डेटा गुणवत्ता में सुधार के प्रयास करते हुए छह महीने की अवधि के भीतर डेटा अस्वीकृति में कमी ला सकते हैं। [सिफारिश 8.16]

vii. शहरी सहकारी बैंकों के लिए सर्वोत्तम प्रथाएं: प्रत्येक शहरी सहकारी बैंक को साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसीआरए) के तहत अपने संचालक मंडल के अनुमोदन से नीतियों और प्रक्रियाविधि का निर्धारण या समीक्षा करते समय अनुबंध III में दी गई सर्वोत्तम प्रथाओं को ध्यान में रखना चाहिए। [सिफारिश 8.25]

3. समिति की अन्य सिफारिशों को लागू करने का निर्णय लिए जाने से पूर्व इन पर अलग से विचार किया जाएगा। शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस परिपत्र में दिए गए अनुदेशों को इस संबंध में दी गई समय सीमा के अनुसार लागू करें।

भवदीया,

(सेंटा जॉय)
महाप्रबंधक

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