गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के '' इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण'' की परिभाषा- अनुरूप करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के '' इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण'' की परिभाषा- अनुरूप करना
भारिबैं/2012-13/351 28 दिसम्बर 2012 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी महोयद/महोदया, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के '' इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण'' की परिभाषा- अनुरूप करना कृपया ‘मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा- इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ की परिभाषा पर 20 नवम्बर 2012 का भारतीय रिज़र्व बैंक का परिपत्र बैंपविवि.सं:बीपी.बीसी.58/08.12.014/2012-13 का अवलोकन करें, जिसके अनुसार ‘बैंक तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ की परिभाषा को 27 मार्च 2012 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित इन्फ्रास्ट्रक्चर उप- क्षेत्रों की मास्टर सूची में दी गई परिभाषा के अनुरूप किया जाए। यह निर्णय लिया गया कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण की परिभाषा को बैंके के अनुरूप बनाया जाए। 2. तदनुसार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड निदेश, 2007 में निहित मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण की परिभाषा को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया जाता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण की संशोदित परिभाषा इस परिपत्र के अनुबंध में दी गई है। कृपया उक्त दिनांक का संशोधित अधिसूचना गहन अनुपालन हेतु संलग्न प्राप्त करें। 3. उप -क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली उन परियोजनाओं में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के एक्सपोजर, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर की हमारी पूर्व परिभाषा में शामिल थे, किंतु संशोधित परिभाष में शामिल नहीं किए गए हैं, परियोजनाओं के पूरे होए तह ऐसे एक्सपोजरों के लिए ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ के अंतर्गत मिलने वाले लाभ प्राप्त करते रहेंगे। तथापि इस परिपत्र की तारीख से उन उप -क्षेत्रों को दिया गया कोई भी नया ऋण ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ के रूप में मान्य नहीं होगा। भवदीया, (सी.आर.संयुक्ता) ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ के लिए उप -क्षेत्रों की सूची “इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण “ अर्थात गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा किसी उधारकर्ता को इन्फ्रास्ट्रक्चर के निम्नलिखित उप –क्षेत्रों में एक्सपोजर के लिए प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधा:
1 सहयोगी टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे लदान/उतराई टर्मिनल, स्टेशन तथा भवन सम्मितिल हैं। 2 कच्चे तेल का सामरिक भंडारण सम्मिलित है। 3 नगर गैस वितरण नेटवर्क सम्मिलित है। 4 ब्राडबैंड/इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले आप्टिक फाइबर/केबिल नेटवर्क सम्मिलित हैं। 5 आयुअर्विज्ञान महाविद्यालय, पराचिकित्सा प्रशिक्षण संस्थान एंव चिकित्सा केन्द्र सम्मिलित हैं। 6 कृषि तथा संबंधित उत्पादों, समुद्री उत्पादों एंव मांस क्वे संरक्षण तथा भंडारण के लिए फार्म के स्तर पर प्री-कूलिंग के लिए शीत गृह सुविधा सम्मिलित है। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं: गैबैंपवि.253/सीजीएम(सीआरएस)-2012 28 दिसम्बर 2012 भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192/डीजी(वीएल)-2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- पैराग्राफ 2(1) (viii) में संशोधन – पैराग्राफ 2(1)(viii) निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाए: “इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण “ अर्थात गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा किसी उधारकर्ता को इन्फ्रास्ट्रक्चर के निम्नलिखित उप –क्षेत्रों में एक्सपोजर के लिए प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधा:
1 सहयोगी टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे लदान/उतराई टर्मिनल, स्टेशन तथा भवन सम्मितिल हैं। 2 कच्चे तेल का सामरिक भंडारण सम्मिलित है। 3 नगर गैस वितरण नेटवर्क सम्मिलित है। 4 ब्राडबैंड/इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले आप्टिक फाइबर/केबिल नेटवर्क सम्मिलित हैं। 5 आयुअर्विज्ञान महाविद्यालय, पराचिकित्सा प्रशिक्षण संस्थान एंव चिकित्सा केन्द्र सम्मिलित हैं। 6 कृषि तथा संबंधित उत्पादों, समुद्री उत्पादों एंव मांस क्वे संरक्षण तथा भंडारण के लिए फार्म के स्तर पर प्री-कूलिंग के लिए शीत गृह सुविधा सम्मिलित है। (सी .आर .संयुक्ता) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं: गैबैंपवि.254/सीजीएम(सीआरएस)-2012 28 दिसम्बर 2012 भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.193/डीजी(वीएल)-2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां नहीं स्वीकारने या नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- पैराग्राफ 2(1) (viii) में संशोधन – पैराग्राफ 2(1)(viii) निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाए: “इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण “ अर्थात गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा किसी उधारकर्ता को इन्फ्रास्ट्रक्चर के निम्नलिखित उप –क्षेत्रों में एक्सपोजर के लिए प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधा:
1 सहयोगी टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे लदान/उतराई टर्मिनल, स्टेशन तथा भवन सम्मितिल हैं। 2 कच्चे तेल का सामरिक भंडारण सम्मिलित है। 3 नगर गैस वितरण नेटवर्क सम्मिलित है। 4 ब्राडबैंड/इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले आप्टिक फाइबर/केबिल नेटवर्क सम्मिलित हैं। 5 आयुअर्विज्ञान महाविद्यालय, पराचिकित्सा प्रशिक्षण संस्थान एंव चिकित्सा केन्द्र सम्मिलित हैं। 6 कृषि तथा संबंधित उत्पादों, समुद्री उत्पादों एंव मांस क्वे संरक्षण तथा भंडारण के लिए फार्म के स्तर पर प्री-कूलिंग के लिए शीत गृह सुविधा सम्मिलित है। (सी. आर. संयुक्ता) |