विदेशीकंपनी निकायों (ओसीबी)की मान्यता रद्द करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशीकंपनी निकायों (ओसीबी)की मान्यता रद्द करना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी(डीआई आर सीरिज) परिपत्र सं.44 दिनांक: दिसंबर 8, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदय/महोदया विदेशी कंपनी निकायों (ओसीबी) की मान्यता रद्द करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितम्बर 16, 2003 के ए.पी (डिआईआर सिरीज) परिपत्र सं. सं.14 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वर्तमान विदेशी .मुद्रा प्रबंध विनियमावली के अंतर्गत उपलब्ध विभिन्न मार्ग / योजनाओं के अंतर्गत पात्र "निवेशकों का वर्ग" के रुप में भारत के विदेशी कंपनी निकायों (ओसीबी) की मान्यता रद्द करने के निर्णय की सूचना दी गई थी । 2. इस संबध में, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1990 (1999 का 42) की धारा 47 के साथ पठित धारा 6 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी कंपनी निकायों (ओसीबी) को दी गई सामान्य अनुमति वापस लेना ) विनियमावली 2003 जारी की है, जिसे अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.फेमा /101 / 2003-आरबी द्वारा अधिसूचित किया गया है । तदनुसार, विभिन्न विदेशी मुद्रा विनियमों के अंतर्गत ओसीबी को दी गयी सभी सुविधाएं निरस्त समझी जाएं । उक्त अधिसूचना की प्रतिलिपि संलग्न है । 3. ओसीबी को दी गई सामान्य अनुमति वापस लेने के बाद पैदा हुई विभिन्न परिचालनात्मक कठिनाइयों की जांच करने के लिए सभी संबधितों की जानकारी के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर एफक्यू उदाहरण सहित, दिए गए हैं (प्रतिलिपि संलग्न) । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने ग्राहकों को अवगत कराए । 5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए है । भवदीय ग्रेस कोशी |