गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति व 2 संगठनो को नामित करना तथा अधिनियम की चौथी और पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति व 2 संगठनो को नामित करना तथा अधिनियम की चौथी और पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी
आरबीआई/2022-23/183 28 फ़रवरी, 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया / महोदय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति व 2 संगठनो को नामित करना तथा अधिनियम की चौथी और पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी हमारे मास्टर निदेश “अपने ग्राहक को जानिए”, दिनांक 25 फरवरी, 2016 (10 मई, 2021 को यथा संशोधित) की धारा 53 के अनुसार, "2 फरवरी 2021 को जारी यूएपीए आदेश (इस मास्टर दिशानिर्देश के अनुबंध II) में निर्धारित प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाए तथा सरकार के आदेश का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।" इसके अलावा, उपर्युक्त मास्टर निदेश की धारा 52 में कहा गया है कि, “सूची में शामिल व्यक्तियों/संस्थाओं से मिलते-जुलते किसी भी खातों के ब्योरे दिनांक 2 फरवरी 2021 (इस मास्टर दिशानिर्देश के अनुबंध II) की यूएपीए अधिसूचना की अपेक्षानुसार गृह मंत्रालय के अतिरिक्त वित्तीय आसूचना एकक – भारत को रिपोर्ट किये जाने चाहिए।” इस संबंध में, यह उल्लेख किया जाता है कि केवाईसी पर 2016 के मास्टर निदेश के अनुबंध II में दिया गया यूएपीए आदेश, उसी आदेश में उल्लिखित यूएनएससी सूचियों के अलावा यूएपीए, 1967 की अनुसूची IV और I में किए गए संशोधनों पर भी लागू होगा। 2. इस संबंध में, कृपया गृह मंत्रालय के दिनांक 17 फ़रवरी 2023 की राजपत्रित अधिसूचनाओं का संदर्भ लें, जिसके अनुसार एक व्यक्ति और दो संगठनो को 'आतंकवादी' और 'आतंकवादी संगठनो' घोषित करते हुए, यूएपीए 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1) (एम) के तहत यूएपीए, 1967 की अनुसूची IV और I में सूचीबद्ध किया गया है। सांविधिक आदेश (एस.ओ.) संख्याएं और संबंधित प्रविष्टियां नीचे दी गई तालिका में दी गई हैं:
3. विनियमित संस्थाओं (आरई) को सूचित किया जाता है कि वे गृह मंत्रालय द्वारा जारी उपरोक्त राजपत्र अधिसूचनाओं को आवश्यक अनुपालन के लिए नोट करें। आरई तत्काल आवश्यक अनुपालन के लिए यूएपीए, 1967 की अनुसूची I और IV में किसी भी भावी संशोधन को भी नोट करेंगे। भवदीय (सन्तोष कुमार पाणिग्राही) |