गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति और दो संगठनों को नामित करना तथा अधिनियम की पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति और दो संगठनों को नामित करना तथा अधिनियम की पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी
आरबीआई/2024-25/84 19 अक्तूबर 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1)(एम) के तहत 1 व्यक्ति और दो संगठनों को नामित करना तथा अधिनियम की पहली अनुसूची में उनको सूचीबद्ध करना – संबंधी
हमारे दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश “अपने ग्राहक को जानिए” (04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित) की धारा 51 (सी) के अनुसार, "यूएपीए आदेश दिनांक 2 फरवरी, 2021 (इस मास्टर निदेश का अनुबंध II) में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन किया जाएगा और सरकार द्वारा जारी आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।" इसके अलावा, उपर्युक्त मास्टर निदेश की धारा 51(बी) में कहा गया है कि, “सूची में शामिल व्यक्तियों/संस्थाओं से मिलते-जुलते किसी भी खातों के ब्योरे 2 फरवरी 2021 (इस मास्टर दिशानिर्देश के अनुबंध II) की यूएपीए अधिसूचना की अपेक्षानुसार गृह मंत्रालय के अतिरिक्त वित्तीय आसूचना एकक – भारत को रिपोर्ट किये जाने चाहिए।” इस संबंध में, यह उल्लेख किया जाता है कि केवाईसी पर 2016 के मास्टर निदेश के अनुबंध II में दिया गया यूएपीए आदेश , उसी आदेश में उल्लिखित यूएनएससी सूचियों के अलावा यूएपीए, 1967 की अनुसूची I और IV में किए गए संशोधनों पर भी लागू होगा। 2. इस संबंध में, कृपया गृह मंत्रालय के दिनांक 10 अक्तूबर 2024 की राजपत्रित अधिसूचना का संदर्भ लें, जिसके अनुसार एक संगठन को 'आतंकवादी संगठन' घोषित करते हुए, यूएपीए 1967 की धारा 35 (1) (ए) और 2(1) (एम) के तहत यूएपीए, 1967 की अनुसूची I और IV में सूचीबद्ध किया गया है। सांविधिक आदेश (एस.ओ.) संख्या और संबंधित प्रविष्टि नीचे दी गई तालिका में दी गई हैं:
3. विनियमित संस्थाओं (आरई) को सूचित किया जाता है कि वे गृह मंत्रालय द्वारा जारी उपरोक्त राजपत्र अधिसूचनाओं को आवश्यक अनुपालन के लिए नोट करें। आरई तत्काल आवश्यक अनुपालन के लिए यूएपीए, 1967 की अनुसूची I और IV में किसी भी भावी संशोधन को भी नोट करेंगे। भवदीया,
(वीणा श्रीवास्तव)
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