विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए लेनदेन लागत का प्रकटीकरण - ड्राफ्ट
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भारतीय रिज़र्व बैंक सभी प्राधिकृत डीलर महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए लेनदेन लागत का प्रकटीकरण - ड्राफ्ट समय-समय पर यथासंशोधित 05 जुलाई, 2016 के मास्टर निदेश – जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन (इसके बाद ‘मास्टर निदेश’) का संदर्भ आमंत्रित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत डीलरों को उपयोगकर्ताओं (खुदरा और गैर-खुदरा दोनों) को भारतीय रुपया या अन्यथा शामिल निम्नलिखित विदेशी मुद्रा संविदाओं की पेशकश करने की अनुमति दी गई है: ए) विदेशी मुद्रा नकदी; बी) विदेशी मुद्रा टॉम; सी) विदेशी मुद्रा स्पॉट; डी) विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी संविदा; और ई) विदेशी मुद्रा ब्याज दर व्युत्पन्नी संविदा। 2. पूर्वोक्त मास्टर निदेश के अनुसार, खुदरा उपयोगकर्ता को विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी/विदेशी मुद्रा ब्याज दर व्युत्पन्नी की पेशकश करते समय, एक प्राधिकृत डीलर संविदा करने से पहले व्युत्पन्नी का मिड-मार्केट मार्क/ बोली प्रदान करेगा और इसे सौदे के पुष्टिकरण/टर्म शीट में भी अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। 3. इसके अलावा, समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि खुदरा उपयोगकर्ता को विदेशी मुद्रा नकदी, विदेशी मुद्रा टॉम और विदेशी मुद्रा स्पॉट की पेशकश करते समय, प्राधिकृत डीलर संविदा करने से पहले उपयोगकर्ता को कुल लेनदेन लागत (सभी प्रासंगिक लागतों और शुल्कों को दर्शाते हुए, यथा- प्रेषण शुल्क और प्राप्ति शुल्क कोई भी मध्यस्थ शुल्क सहित, विदेशी मुद्रा विनिमय दर और मुद्रा विनिमय शुल्क) का विवरण प्रदान करेंगे और सौदे की पुष्टि में भी इसे शामिल करेंगे। 4. ये निर्देश इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से तीन महीने के बाद लागू होंगे। 5. इस परिपत्र के प्रयोजन के लिए, 'खुदरा उपयोगकर्ता' और 'प्राधिकृत डीलर' का वही अर्थ होगा जो मास्टर निर्देश में निर्दिष्ट किया गया है। 6. इस परिपत्र में निहित निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डबल्यू और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/अनुमोदनों, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) |
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