भावी नकदी प्रवाहों के वर्तमान मूल्य की संगणना के लिए कटौती दर - आरबीआई - Reserve Bank of India
भावी नकदी प्रवाहों के वर्तमान मूल्य की संगणना के लिए कटौती दर
आरबीआई/2015-16/111 2 जुलाई 2015 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय भावी नकदी प्रवाहों के वर्तमान मूल्य की संगणना के लिए कटौती दर कृपया 30 मई 2013 के परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.99/21.04.132/2012-2013 का पैरा 4.5 देखें जिसके अनुसार पुनर्रचना के बाद ऋणों के उचित मूल्य में कमी की गणना हेतु भावी नकदी प्रवाहों से कटौती करने के लिए जिस दर का प्रयोग किया जाएगा वह पुनर्रचना की तिथि पर लागू बैंक के बेंचमार्क मूल उधार दर अथवा आधार दर (उधारकर्ता के लिए जो भी लागू हो) तथा समुचित टर्म प्रीमियम व पुनर्रचना की तिथि को उधारकर्ता की श्रेणी के लिए ऋण जोखिम प्रीमियम के बराबर होगी। 2. समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि पुनर्रचना के बाद ऋणों के उचित मूल्य में गिरावट की गणना के लिए भावी नकदी प्रवाहों से कटौती करने हेतु पुनर्रचना के पहले उधारकर्ता पर लगाई गई वास्तविक ब्याज दर के बराबर दर का प्रयोग किया जाए। जिन मामलों में किसी उधारकर्ता के लिए मौजूदा ऋण सुविधाओं पर भिन्न भिन्न ब्याज दरें लागू हों, भारित औसत ब्याज दर को (पुनर्रचना की तारीख को उधारकर्ता के कुल बकाया में प्रत्येक ऋण सुविधा के हिस्सों को भारों के रूप में प्रयोग करते हुए) कटौती दर के रूप में प्रयुक्त किया जाए। इस कटौती दर को पुनर्रचना-पूर्व नकदी प्रवाहों तथा उत्तर-पुनर्रचना नकदी प्रवाहों दोनों से कटौती करने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। 3. दिनांक 15 दिसंबर 2014 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.53/21.04.132/2014-2015 की अपेक्षा के अनुसार परियोजना ऋणों के निवल वर्तमान मूल्य की गणना करने के उद्देश्य सहित, जहां भी बैंकों से अपेक्षित है कि भारतीय रिज़र्व बैंक जारी दिशानिर्देशों के अंतर्गत ऋणों के उचित/वर्तमान मूल्य की गणना करें, उपर्युक्त पद्धति का प्रयोग निरंतर किया जा सकता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह अनुदेश उन सभी परियोजनाओं के लिए लागू होगा जिनमें उपर्युक्त परिपत्र के अंतर्गत परिशोधन अनुसूची में परिवर्तन किया गया है। भवदीय, (सुदर्शन सेन) |