वित्तीय संकटग्रस्तता की शुरू में ही पहचान, समाधान हेतु तत्काल उपाय और उधारदाताओं हेतु उचित वसूली: अर्थ व्यवस्था में संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को पुनर्जाग्रित करने के लिए संरचना- संयुक्त ऋणदाता फोरम(जेएलएफ)तथा सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी)के संबंध में दिशानिर्देशों की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय संकटग्रस्तता की शुरू में ही पहचान, समाधान हेतु तत्काल उपाय और उधारदाताओं हेतु उचित वसूली: अर्थ व्यवस्था में संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को पुनर्जाग्रित करने के लिए संरचना- संयुक्त ऋणदाता फोरम(जेएलएफ)तथा सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी)के संबंध में दिशानिर्देशों की समीक्षा
भारिबैं/2015-16/137 23 जुलाई 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदया/महोदय, वित्तीय संकटग्रस्तता की शुरू में ही पहचान, समाधान हेतु तत्काल उपाय और उधारदाताओं हेतु उचित वसूली: अर्थ व्यवस्था में संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को पुनर्जाग्रित करने के लिए संरचना- संयुक्त ऋणदाता फोरम(जेएलएफ)तथा सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी)के संबंध में दिशानिर्देशों की समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 30 जनवरी 2014 को अर्थ व्यवस्था में संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को पुनर्जाग्रित करने के लिए संरचना जारी किया गया था। उक्त संरचना की प्रयोज्यता का विस्तार 21 मार्च 2014 के परिपत्र द्वारा एनबीएफसी तक किया गया था। 2. संरचना के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में बैंकों तथा भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा महसूस की जाने वाली कठिनाइयों पर प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग विनियमन विभाग ने इसकी समीक्षा की और 21 अक्तूबर, 22 दिसम्बर 2014 तथा 08 जून 2015 के परिपत्रों द्वारा संरचना में कुछ संशोधन किए। समीक्षा के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि उक्त परिपत्रों द्वारा संरचना में किए गए संशोधनों को, यथोचित परिवर्तनों के साथ,एनबीएफसी पर भी लागू किया जाएगा । भवदीय, (सी डी श्रीनिवासन) |