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असेट प्रकाशक

79070004

विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता (इइएफसी)

आरबीआइ/2008-09/118
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.04

4 अगस्त,2008

सेवा में

सभी श्रेणी-I प्रधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय

विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता (इइएफसी)

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 6 अक्तूबर 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 के पैराग्राफ 2 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार अस्थायी उपाय के रूप में सभी निर्यातकों को उनके विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खातों में प्रति निर्यातक 1मिलियन अमरीकी डॉलर तक की बकाया शेष राशि पर ब्याज अर्जित करने की अनुमति प्रदान  की गई थी । यह अनुमति 31 अत्तूबर  2008तकवैधथीऔरआगेसमीक्षाकेअधीनथी।

2. भारत सरकार के परामर्श से इसकी समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया कि 01 नवंबर 2008 से यह सुविधा वापस ली जाए। तद्नुसार , 01 नवंबर 2008 से सभी  विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खातों को गैर-ब्याज अर्जक चालू खाते के रूप में खाते  खोलने  और रखे जाने की अनुमति होगी।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।

4. इस परिपत्र में समहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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