करेंसी का निर्यात और आयात - आरबीआई - Reserve Bank of India
करेंसी का निर्यात और आयात
आरबीआइ 2009-10/297 01 फरवरी 2010 विदेशी मुद्रा में सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय करेंसी का निर्यात और आयात प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 6/आरबी-2000 के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (करेंसी का निर्यात और आयात) विनियमावली,2000 के विनियम 3 के उप-विनियम (1) के खंड (क) और (ग) की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार, भारत में निवासी कोई व्यक्ति अस्थायी तौर पर भारत से बाहर जाने पर भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के करेंसी नोट(नेपाल और भूटान को ले जाने तथा वहाँ से लाने को छोड़कर ) भारत के बाहर ले जा सकता हैं और भारत में ला सकता हैं किंतु यह उनकी रकम प्रति व्यक्ति 5,000 / रुपये से अधिक न हो । 2. विदेश यात्रा करनेवाले निवासी व्यक्तियों को और अधिक सहूलियत देने के अंग के रुप में, उपर्युक्त वर्तमान सीमाएं बढ़ाकर प्रति व्यक्ति 7,500/ रुपये कर दी गयी हैं । भारत सरकार ने ऊपर संदर्भित अधिसूचना के विनियम 3 के उप-विनियम (1) के खंड (क) और (ग) में संशोधन 24 जुलाई 2009 को सा.का.नि. 548(अ) के जरिये भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया है । [7 जुलाई 2009 की अधिसूचना सं. फेमा.195/2009-आरबी )(प्रतिलिपि संलग्न) 3. तदनुसार, भारत में निवासी कोई व्यक्ति, i) प्रति व्यक्ति रु. 7,500 (सात हजार पांच सौ रुपये मात्र) से अनधिक राशि तक भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के करेंसी नोट भारत के बाहर (नेपाल और भूटान से अन्य) ले जा सकता हैं ; और ii) जो अस्थायी तौर पर भारत से बाहर गया है , वह भारत के बाहर किसी स्थान (नेपाल और भूटान को छोड़कर) से वापस लौटते समय भारत में प्रति व्यक्ति रु. 7,500 (सात हजार पांच सौ रुपये मात्र) से अनधिक राशि तक भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के करेंसी नोट ला सकता हैं । 4. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी घटकों,ग्राहकों और संबंधित विदेशी प्रतिपक्षों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । भवदीय (सलीम गंगाधरन) |