आरबीआई/2013-14/621 13 ज्येष्ठ 1936 (शक) संदर्भ सं.एमपीडी.बीसी.372/07.01.279/2013-14 03 जून 2014 प्रति सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] प्रिय महोदय/ महोदया, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधाएं कृपया 18 जून 2012 का हमारा परिपत्र सं.एमपीडी.355/07.01.279/2011-12 देखें जिसमें अनुसूचित बैंकों (आरआरबी को छोड़कर) के लिए निर्यात ऋण पुनर्वित्त (ईसीआर) सुविधा की पात्र सीमा को पुनर्वित्त के उद्देश्य से दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंत में पात्र बकाया रुपया निर्यात ऋण के 15 प्रतिशत के स्तर से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया था। 2. जैसा कि आज घोषित दूसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 में दर्शाया गया है, ईसीआर सुविधा की पात्र सीमा को पुनर्वित्त के उद्देश्य से दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंत में पात्र बकाया रुपया निर्यात ऋण के 50 प्रतिशत के स्तर से घटाकर तत्काल प्रभाव से 32 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। 3. 01 जुलाई 2013 के मास्टर परिपत्र सं.एमपीडी 366/07.01.279/2013-14 के अनुबंध III में प्रदर्शित रिपोर्टिंग प्रारूप के भाग ए को तदनुसार संशोधित किया गया है और वह संलग्न है। भवदीय (माइकल देबब्रत पात्र) प्रधान परामर्शदाता
अनुबंध III रिपोर्टिंग प्रारूप फॉर्म डीएडी 389
बैंक का नाम _______________________________________________ |
को समाप्त पखवाड़े के लिए निर्यात ऋण पुनर्वित्त सीमा को दर्शाता विवरण___________________________________________ |
भाग – ए |
(रु. लाख में) |
1. |
दूसरे पूर्ववर्ती रिपोर्टिंग पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को यथास्थिति बकाया निर्यात ऋण * |
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2. |
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सीमा (मद सं. 1 का 32 प्रतिशत) |
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* पुनर्वित्त सीमा निर्धारित करने के उद्देश्य से बकाया निर्यात ऋण कुल बकाया निर्यात ऋण होगा माइनस अन्य बैंकों/एक्जिम बैंक/वित्तीय संस्थाओं के साथ पुन: भुनाए गए निर्यात बिल, निर्यात ऋण जिसके बदले में नाबार्ड/एक्जिम बैंक से पुनर्वित्त प्राप्त किया गया है, विदेशी मुद्रा में लदान-पूर्व ऋण (पीसीएफसी), 'विदेश में निर्यात बिलों की पुनर्भुनाई' (ईबीआर) की योजना के तहत भुनाए/पुनः भुनाए गए निर्यात बिल, अतिदेय रुपया निर्यात ऋण और अन्य निर्यात ऋण जो पुनर्वित्त के लिए पात्र नहीं हैं। |