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79032856

माल और सेवाओं का निर्यात -परेषण आधार पर पुस्तकों का निर्यात

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26

03 अक्तूबर 2003

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदय/महोदया

माल और सेवाओं का निर्यात -परेषण आधार पर पुस्तकों का निर्यात

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 09 सितंबर 2000 के ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 12 के पैराग्राफ ए-11 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार विस्तारित ऋण शर्तों पर माल निर्यात करने के इच्छुक निर्यातक अपने बैंकों के जरिये पूरे ब्योरे देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के विचारार्थ प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।

2. पुस्तकों के निर्यात हेतु इस प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि इसके बाद से  प्राधिकृत व्यापारी शिपमेंट की तारीख से 360 दिनों तक निर्यात आगम की वसूली के लिए परेषण आधार पर पुस्तक निर्यात के प्रस्ताव अनुमोदित कर सकते हैं। निर्यातकों को बिक्री-संविदा की अवधि पूरी हो जाने के बाद बिना बिकी बकाया पुस्तकें  छोड़ देने की भी अनुमति दी जाए। तद्नुसार, निर्यातकों द्वारा अपने बिक्री-खातों में बिना बिकी बकाया पुस्तकों की कीमत, निर्यात-आगम से कटौती के रूप में दर्शायी जा सकती है।

3.  प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों को अवगत कराएं।

4.  इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं।

भवदीया

(ग्रेस कोशी )
 मुख्यमहाप्रबंधक

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