RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79109697

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - माल और सेवाओं का निर्यात – अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीद

भारिबैंक/2011-12/345
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 65

12 जनवरी 2012

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 -
माल और सेवाओं का निर्यात – अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीद

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 2 मार्च 2001 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 27 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार वे साख पत्रों द्वारा समर्थित निर्यात लेनदेनों के संबंध में, नौवहन दस्तावेजों के परक्रामण/वसूली के लिए लदान बिल के बदले में अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के अनुमोदित एजेंटों द्वारा जारी अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को केवल तब स्वीकार कर सकते हैं जब संबंधित साख पत्र में विशेष रूप से इस दस्तावेज के परक्रामण हेतु लदान बिल के बदले में इसे स्वीकार करने का उपबंध हो और यह भी कि समुद्रपारीय खरीददार के साथ संबंधित बिक्री संविदा में भी यह उपबंध हो कि अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को नौवहन दस्तावेज के रूप में लदान बिल के बदले में स्वीकार किया जा सकता है ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी, साख पत्र द्वारा समर्थित निर्यात लेनदेनों के संबंध में, नौवहन दस्तावेजों के परक्रामण/वसूली के लिए लदान बिल के बदले में अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के अनुमोदित एजेंटों द्वारा जारी अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को स्वीकार कर सकते हैं, यदि संबंधित साख पत्र में विशेष रूप से इस दस्तावेज के परक्रामण हेतु लदान बिल के बदले में इसे स्वीकार करने का उपबंध हो, भले ही समुद्रपारीय खरीददार के साथ संबंधित बिक्री संविदा में नौवहन दस्तावेज के रूप में लदान बिल के बदले में अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को स्वीकार करने का उपबंध न हो ।

3.  इसके अतिरिक्त, प्राधिकृत व्यापारी, अपने विवेकानुसार, निर्यात लेनदेनों के उन मामले में जहाँ वे साख पत्र द्वारा समर्थित न हों वहाँ भी नौवहन दस्तावेजों की खरीद/बट्टा/वसूली के लिए (लदान बिल के बदले) प्रख्यात नौवहन कंपनियों/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के अनुमोदित एजेंटों द्वारा जारी अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को भी स्वीकार कर सकते हैं, बशर्ते समुद्रपारीय खरीददार के साथ उनकी 'संबंधित बिक्री संविदा' में लदान बिल के बदले नौवहन दस्तावेज के रूप में अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) को स्वीकार करने का उपबंध हो । तथापि, खरीद/बट्टे के लिए ऐसे अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदों (एफसीआर) की स्वीकृति पर ऋण देने का निर्णय पूर्णत: संबंधित बैंक का होगा, जिसे अन्य बातों के तहत, लेनदेनों की वास्तविकता और समुद्रपारीय खरीददार तथा भारतीय आपूर्तिकर्ता के ट्रैक रिकार्ड के बारे में स्वयं को संतुष्ट कर लेना चाहिए क्योंकि अग्रेषणकर्ता की कार्गो रसीदें (एफसीआर) परक्राम्य (Negotiable) दस्तावेज नहीं हैं । ऐसे मामलों में, निर्यातकों के लिए समुद्रपारीय खरीददार के बारे में यथोचित सावधानी सुनिश्चित करना औचित्यपूर्ण होगा ।

4. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।

5.  इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) एवं 11(1) के अंतर्गत और किसी विधि के अधीन अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीया,

(रश्मि फौजदार)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?