माल और सेवाओं का निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर .सिरीज) परिपत्र क्र. 12 अगस्त 28, 2002 सेवा में महोदया / महोदय माल और सेवाओं का निर्यात सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 27, 2001 के ए.पी.(डीआईआर. सिरीज़) परिपत्र क्र. 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार दक्त परिपत्र के साथ अनुबध्द सूची में शामिल देशों को निर्यात किए गए माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और उसका प्रत्यावर्तन, 1 सितंबर 2001 से अस्थाई उपाय के रुप में, पोतलदान की तारीख से 360 दिन के भीतर करने की अनुमति दी गई थी। उसकी समीक्षा करके अब उस सुविधा को 1 सितंबर 2002 से एक और वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय किया गया है। तदनुसार, निर्यातकों की जिम्मेदारी होगी कि 1 सितंबर 2003 से, पूरे निर्यात मूल्य की वसूली निर्यात की तारीख से 6 महिने के भीतर की जाए । 2. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों दे दें। 3. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीया ग्रेस कोशी |