माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात - निर्यात आय की वसूली और प्रत्यावर्तन - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात - निर्यात आय की वसूली और प्रत्यावर्तन - उदारीकरण
भारिबैंक/2013-14/147 22 जुलाई 2013 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात - प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों का ध्यान 20 नवंबर 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.52 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके द्वारा निर्यात किये गये माल अथवा सॉफ्टवेयर का पूरा निर्यात मूल्य दर्शानेवाली राशि की वसूली और भारत को उसके प्रत्यावर्तन की अवधि निर्यात की तारीख से छ: महीने से बढ़ाकर बारह महीने करके 31 मार्च 2013 कर दीगयी थी। इसके अलावा, 20 मई 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.105 के अनुसार भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया था कि उपर्युक्त वसूली अवधि निर्यात की तारीख से बारह महीने के स्थान पर कम करके नौ महीने कर दी जाए, जो 30 सितंबर 2013 तक वैध है। 2. इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि 20 नवंबर 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 52 के अनुसार वसूली और प्रत्यावर्तन अवधि संबंधी शर्त केवल 31 मार्च 2013 तक वैध थी, 1 अप्रैल 2013 से 30 सितंबर 2013 तक निर्यात राशि की वसूली और प्रत्यावर्तन के लिए अवधि निर्यात की तारीख से नौ महीने के रूप में परिकलित की जाएगी। 3. विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित इकाईयों द्वारा निर्यात किये गये माल और सॉफ्टवेयर और भारत से बाहर माल गोदामों को किये गये निर्यात के पूरे निर्यात मूल्य की वसूली और उसे भारत प्रत्यावर्तित करने की अवधि से संबंधित प्रावधान अपरिवर्तित बने रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (सी. डी. श्रीनिवासन) |