देश में सभी बैंक शाखाओं में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
देश में सभी बैंक शाखाओं में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) का विस्तार
आरबीआई/2020-21/107 15 मार्च 2021 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, देश में सभी बैंक शाखाओं में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) का विस्तार कृपया दिनांक 05 फरवरी 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों के संबंध में वक्तव्य का संदर्भ लें जिसके अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश में बैंकों की सभी शाखाओं को छवि - आधारित सीटीएस समाशोधन तंत्र के अंतर्गत लाने के माध्यम से सीटीएस की अखिल भारतीय व्याप्ति की घोषणा की थी। 2. सीटीएस 2010 से उपयोग में है और वर्तमान में यह लगभग 1,50,000 शाखाओं को सम्मिलित करता है। सभी तत्कालीन 1219 गैर-सीटीएस समाशोधन ग्रह (ईसीसीएस केन्द्र) सीटीएस में परिवर्तित हो गए हैं जो कि सितंबर 2020 से प्रभावी है। तथापि, यह देखा गया है कि बैंकों की कई शाखाएं हैं जो किसी भी औपचारिक समाशोधन व्यवस्था के बाहर हैं और उनके ग्राहकों को उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए चेकों के संग्रहण में लगने वाले लंबे समय के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 3. सीटीएस की उपलब्धता प्रदान करने के लिए और ग्राहक की बैंक शाखा चाहे किसी भी स्थान पर क्यों न हो, सभी ग्राहकों को एक समान अनुभव उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि देश में सभी बैंक शाखाओं में सीटीएस का विस्तार किया जाए। इस सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए बैंको को इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सभी शाखाएँ दिनांक 30 सितंबर 2021 से संबन्धित ग्रिड्स के अंतर्गत छवि - आधारित सीटीएस में भाग लें। वे अपना मॉडल चुनने के लिए स्वतंत्र हैं जैसे कि प्रत्येक शाखा में यथोचित बुनियादी ढांचे की स्थापना अथवा एक हब और स्पोक मॉडल को अपनाना इत्यादि और संबन्धित बैंक इसके कार्यान्वयन के लिए संबन्धित भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। 4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सीटीएस की अखिल भारत में व्याप्ति को प्राप्त करने के लिए रोडमैप के संबंध में हमें (helpdpss@rbi.org.in) सूचित करें और दिनांक 30 अप्रैल 2021 के पूर्व एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 5. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है। भवदीय (पी.वासुदेवन) |