बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – अनुमोदन मार्ग संबंधी मामले - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – अनुमोदन मार्ग संबंधी मामले
भा.रि.बैंक/2015-16/440 30 जून 2016 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक महोदया / महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – अनुमोदन मार्ग संबंधी मामले सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 30 नवंबर 2015 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.32 के अनुलग्नक के पैराग्राफ डी-15 तथा अनुमोदन मार्ग के तहत आने वाले ईसीबी मामलों में बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों तथा प्राधिकृत व्यापारियों से इतर व्यक्तियों द्वारा विदेशी मुद्रा में उधार लेना एवं उधार देना, आदि विषयों पर केंद्रित मास्टर निदेश सं.05 के पैराग्राफ 2.11 की ओर आकृष्ट किया जाता है। उपर्युक्त परिपत्र/निदेश के अनुसार अनुमोदन मार्ग के तहत अने वाले मामलों पर यथा विनिर्दिष्ट मानकों के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित अधिकारप्राप्त समिति की ईसीबी पर सहमति मिलना आवश्यक है। 2. अनुमोदन संबंधी प्रक्रिया को युक्तिसंगत और गतिशील बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि एक निश्चित प्रारम्भिक सीमा (समय-समय पर पुन:निर्धारित) में प्राप्त होने वाले ईसीबी प्रस्तावों को रिज़र्व बैंक ईसीबी संबंधी अधिकारप्राप्त समिति के समक्ष रखेगा। अधिकारप्राप्त समिति की ईसीबी मामलों पर सिफ़ारिशों को ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक इस संबंध में अंतिम निर्णय लेगा। 3. ईसीबी पॉलिसी संबंधी अन्य सभी पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं। 4. उक्त परिवर्तनों को दर्शाने के लिए इस विषय पर दिनांक 01 जनवरी 2016 को जारी मास्टर निदेश सं. 05 को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं। भवदीय, (शेखर भटनागर) |