कम लागत वाली सस्ती आवास परियोजनाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार - आरबीआई - Reserve Bank of India
कम लागत वाली सस्ती आवास परियोजनाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2012-13/539 24 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय कम लागत वाली सस्ती आवास परियोजनाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान उल्लिखित विषय पर 17 दिसंबर 2012 के ए. पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 61 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार एक स्वीकृत अंतिम उपयोग के रूप में कम लागत वाली सस्ती आवास परियोजनाओं के लिए, अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत, बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति है। 2. कम लागत वाली सस्ती आवास परियोजनाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने से संबंधित नीति की समीक्षा की गयी है और यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र में निहित दिशानिर्देशों में निम्नानुसार संशोधन किया जाए:
3. राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा आगे उधार देने (आन-लेडिंग) के लिए अपनाये जाने वाले ब्याज दर विन्यास (स्प्रेड) का निर्धारण: लागत और अन्य संबंधित बातों को ध्यान में लेते हुए राष्ट्रीय आवास बैंक अपने द्वारा लगाये जाने वाले ब्याज दर विन्यास (Interest Rate Spread) का निर्धारण करेगा। राष्ट्रीय आवास बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि कम लागत वाली सस्ती आवास योजना के तहत विशिष्ट यूनिटों के भावी(संभावित) स्वामियों को आगे उधार देने हेतु आवास वित्त कंपनियों के लिए ब्याज दर विन्यास तर्कसंगत हो। 4. आवास वित्त कंपनियां आवेदन करते समय,
5. उपर्युक्त ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र में उल्लिखित योजना के सभी अन्य पहलू यथावत बने रहेंगे। प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (रुद्र नारायण कर) |