बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति
भारिबैंक/2011-12/273 23 नवंबर 2011 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) की समग्र लागत सीमा से संबंधित 9 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.19 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वैश्विक वित्तीय बाजार की गतिविधियों की समीक्षा के आधार पर और उधारकर्ताओं को मौजूदा समग्र लागत सीमा के भीतर बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) उठाने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बाह्य वाणिज्यिक उधार के लिए समग्र लागत सीमा में निम्नानुसार संशोधन किया जाए :
3. समग्र लागत सीमा में वृध्दि 31 मार्च 2012 तक लागू और तदुपरांत समीक्षा के अधीन है । समग्र लागत सीमा में परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति के सभी अन्य पहलू यथावत् रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (रश्मि फौजदार) |