वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा
भारिबैंक/2012-13/338 14 दिसंबर 2012 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान वाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित 30 मार्च 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 99 एवं 9 अक्तूबर 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 40 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि 30 मार्च 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 99 में यथा विनिर्दिष्ट समग्र लागत की उच्चतम सीमा 31 मार्च 2013 तक लागू बनी रहेगी और उसके पश्चात वह समीक्षा के अधीन होगी। वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य पहलू यथावत बने रहेंगे । 3. संशोधित वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और इस संबंध में प्राप्त अनुभव के तहत समीक्षा के अधीन है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (रश्मि फौज़दार) |