बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा
भारिबैंक/2013-14/134 11 जुलाई 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित 30 मार्च 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 99 एवं 14 दिसंबर 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 60 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 30 मार्च 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 99 में यथा विनिर्दिष्ट समग्र लागत की उच्चतम सीमा 30 सितंबर 2013 तक लागू बनी रहेगी और उसके पश्चात वह समीक्षा के अधीन होगी। 3. बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों एवं ग्राहकों को अवगत करायें। 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (रुद्र नारायण कर) |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: