बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा
भारिबैंक/2013-14/303 30 सितंबर 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – समग्र लागत की उच्चतम सीमा की समीक्षा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के लिए समग्र लागत की उच्चतम सीमा से संबंधित 11 जुलाई 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि 30 मार्च 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 99 के पैराग्राफ 2 के अंतर्गत विनिर्दिष्ट समग्र लागत की उच्चतम सीमा 31 मार्च 2014 तक लागू बनी रहेगी और उसके पश्चात वह समीक्षा के अधीन है। बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने घटकों एवं ग्राहकों को अवगत करायें। 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |