भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा – 'नियंत्रण' की परिभाषा तथा क्षेत्र विशेष संबंधी शर्तें - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा – 'नियंत्रण' की परिभाषा तथा क्षेत्र विशेष संबंधी शर्तें
भारिबैंक/2013-14/255 13 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी के जरिये रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 के संलग्नक 'बी' की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसमें ऐसे सेक्टरों/गतिविधियों का वर्णन है जिनमें प्रवेश मानदंड, सेक्टोरेल कैप तथा सरकारी मार्ग और स्वचालित मार्ग के अंतर्गत अनुमत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी सेक्टरों/गतिविधियों के लिए अन्य शर्तें दी गई हैं। 2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 4 जुलाई 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.1 के संलग्नक की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसमें किसी भारतीय कंपनी के स्वामित्व और नियंत्रण की परिभाषाएं दी गयी हैं। 3. यह निर्णय लिया गया है कि 'नियंत्रण' शब्द की परिभाषा निम्नानुसार संशोधित की जाए: 'नियंत्रण' में बहुसंख्यक निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार अथवा उनकी शेयरधारिता अथवा प्रबंधन अधिकार अथवा शेयरधारिता करारों अथवा मताधिकार करारों के कारण प्रबंधन अथवा नीतिगत निर्णयों का नियंत्रण करना शामिल होगा। 4. हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की सरकार ने क्रमश: हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग के संबंध में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को कार्यान्वित करने के लिए सहमति दी है। अस्तु, सहमतिदाता राज्यों/संघशासित क्षेत्रों की सूची संशोधित हो गयी है। इसके अलावा, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश- कैप और विभिन्न क्षेत्रों संबंधी मार्गों की मौजूदा नीति की अब समीक्षा की गयी है। तदनुसार, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम-विनियमों के अनुसार समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी परिपत्र में यथा अधिसूचित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित सेक्टोरेल वर्गीकरण स्थिति में एकरूपता लाने के लिए 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची 1 के संलग्नक 'बी' को यथोचित रूप में संशोधित किया गया है और अद्यतन सूची संलग्नक के रूप में दी गयी है। 5. इस संबंध में औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 3 जून 2013 के प्रेस नोट सं. 1 (2013 सीरीज़), 4 जुलाई 2013 के प्रेस नोट सं. 3 (2013 सीरीज़) तथा 22 अगस्त 2013 के प्रेस नोट सं. 4, 5 और 6 (2013 सीरीज़) की प्रतिलिपि संलग्न हैं। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराएं। 7. रिज़र्व बैंक ने अब विनियमों में संशोधन किया है तथा उसे जी.एस.आर.सं.597 के जरिये 30 अगस्त 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 285/2013-आरबी के द्वारा अधिसूचित किया है। 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |