बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रदाताओं (बीएफ) और व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रदाताओं (बीएफ) और व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग
आरबीआइ/2008-2009/455 24 अप्रैल 2009 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - 2. इस संबंध में, हम सूचित करते हैं कि वर्ष 2009-10 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैराग्राफ 144 (उद्धरण संलग्न) में घोषित किए गए अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि ग्रामीण, अर्ध-शहरी तथा शहरी क्षेत्रों में व्यापार प्रतिनिधि (बीसी) के परिचालन के लिए अधिकतम दायरे संबंधी मानदंड (बीसी के कारोबार के स्थान तथा मूल शाखा के बीच का अंतर) विद्यमान 15 कि. मी. से बढ़ाकर 30 कि. मी. किया जाए। उपर्युक्त परिपत्र में निहित सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। अनु. : यथोक्त वर्ष 2009-10 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य से उद्धरण वित्तीय समावेशन : व्यापार प्रतिनिधियों के लिए पात्रता संबंधी शर्तों में छूट 144. व्यापक वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने और बैंकिंग क्षेत्र की पहुंच को बढ़ाने के लिए बैंकों को सोसायटी के रूप में स्थापित एनजीओ/एमएफआई, धारा 25 के अंतर्गत आनेवाली कंपनियों, डाक घरों, सहकारी समितियों और हाल ही में सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों, भूतपूर्व सैनिकों तथा सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं व्यापार प्रतिनिधि (बीसी) के तौर पर लेने की अनुमति दी गई - बीसी मॉडल के स्तर को बढ़ाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है - अत: यह प्रस्ताव किया जाता है कि ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में इन प्रतिनिधियों के परिचालन के लिए अधिकतम दायरे के मानक को वर्तमान 15 कि. मी. से बढ़ाकर 30 कि. मी. किया जाए । |