राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खाते - वीसा शुल्क जमा करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खाते - वीसा शुल्क जमा करना
आरबीआइ 2009-10/156 14 सितंबर 2009 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खाते - वीसा शुल्क जमा करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी अर्थात् समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के उप- विनियम 3 के खंण्ड (क) की ओर आकर्षित किया जाता हैं , जिसके अनुसार सामान्य बैंकिंग माध्यमों के जरिये भारत के बाहर से प्राप्त आवक धन-प्रेषणों की आगम राशि राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खातों में जमा किये जाने की अनुमति दी गयी है । 2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि राजनयिक शिष्टमंडलों को सामान्य बैंकिंग माध्यमों के जरिये भारत के बाहर से प्राप्त आवक धन-प्रेषणों की आगम राशि के अतिरिक्त, भारतीय रुपयों में भारत में संग्रहीत वीसा शुल्क रुपये खाते से राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खातों में अंतरित करते हुए जमा करने की अनुमति दी जाए । 3. 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन 2 जून 2009 की अधिसूचना सं. 193/2009-आरबी के द्वारा अधिसूचित किया जा चुका है (23 जून 2009 को भारत सरकार के राजकीय राजपत्र में प्रकाशित जी.एस.आर. सं.442 (ई) )(प्रतिलिपि संलग्न) । 4. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक राजनयिक शिष्टमंडलों को भारतीय रुपयों में भारत में संग्रहीत वीसा शुल्क रुपये खाते से राजनयिक शिष्टमंडलों के विदेशी मुद्रा खातों में अंतरित करते हुए जमा करने की अनुमति दे सकते हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय |