भारिबैंक/2014-15/129 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.4 15 जुलाई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश–शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों का निर्गम/अंतरण-पुनरीक्षित कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - I का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (मूल विनियमावली) के विनियम 10(ए)(बी)(i), अनुसूची 1 के पैरा 5, अनुसूची 2 के पैरा 1(5) और अनुसूची 2ए के पैरा 2(iv) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार, किसी भारतीय कंपनी के शेयरों का अंतरण/निर्गम रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों एवं इस संबंध में व्यापक स्थिति दर्शाने वाले 4 मई 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.49 के अधीन है। 2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - I का ध्यान 9 जनवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.86 के साथ पठित मूल विनियमावली के विनियम 9 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के तहत भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को ईक्विटी शेयर, अनिवार्यत: और अधिदेशात्मक रूप से परिवर्तनीय अधिमानी शेयर/डिबेंचर, उसमें दी गई शर्तों के तहत, आप्शनैलिटी उपबंध के साथ जारी करने की अनुमति दी गई है। 3. सूचीबद्ध/गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के शेयरों के अंतरण/निर्गम के लिए वर्तमान कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों और आप्शनैलिटी उपबंध वाले/बिना उपबंध वाले ईक्विटी शेयरों में किए गए निवेश से बाहर जाने की अब समीक्षा की गई है ताकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश फ्रेमवर्क के अंतर्गत संबंधित पार्टियों को वृहत्तर स्वतंत्रता एवं लचीलापन उपलब्ध हो सके। नए कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देश निम्नवत होंगे: (i) सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में (ए) अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों एवं अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों सहित शेयरों के निर्गम और अंतरण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों के अनुसार होंगे; (बी) आप्शनैलिटी उपबंध वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लिखतों के लिए कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देश 9 जनवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 के अनुसार लागू बने रहेंगे अर्थात यथा लागू अवरुद्धता अवधि के बाद, अनिवासी निवेशक, बिना किसी आश्वासित प्रतिफल के, मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंजों में प्रचलित कीमत पर निवेश से बाहर जाने के लिए पात्र होगा; (ii) गैर सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में आप्शनैलिटी उपबंध वाले अथवा बिना उपबंध वाले अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों और अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों सहित शेयरों के निर्गम और अंतरण उस कीमत पर होंगे जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत कीमत निर्धारण संबंधी प्रणाली के अनुसार, स्वतंत्र रूप से, आकलित की गई हो। इस प्रकार दिशानिर्देशक सिद्धांत यह होगा कि अनिवासी निवेशक को निवेश/करार करते समय निवेश से बाहर जाने के वक्त किसी आश्वासित कीमत की गारंटी नहीं दी जाएगी तथा वह 9 जनवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 में यथा लागू अवरुद्धता अवधि की समाप्ति पर उल्लेखानुसार आकलित उचित कीमत ले कर निवेश से बाहर जा सकेगा। 4. शेयरों के अंतरण/निर्गम और गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के आप्शनैलिटी उपबंध वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से बाहर जाने के लिए मौजूदा कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों में किए गए परिवर्तन क्रमश: अनुबंध 1 तथा अनुबंध 2 में दिए गए हैं। 5. निवासी से अनिवासी को एवं अनिवासी से निवासी को बिक्री के द्वारा शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण को बहियों में रिकार्ड करने वाली भारतीय कंपनी जिस वित्तीय वर्ष में अंतरण होता है, उस वित्तीय वर्ष के तुलनपत्र में शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों के मूल्यांकन के ब्योरे, अपनायी गई कीमत निर्धारण प्रणाली के साथ-साथ जिस एजेंसी ने मूल्यांकन प्रमाणपत्र दिया हो/को प्रमाणित किया हो, का प्रकटीकरण करेगी। 6. ये निदेश संबंधित अधिसूचना के सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे। 7. 9 जनवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 एवं 4 मई 2010 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 49 के साथ पठित 4 अक्तूबर 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 16 में दिए गए सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 8. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों एवं ग्राहकों को अवगत कराएं। 9. रिज़र्व बैंक ने 8 जुलाई 2014 के जी.एस.आर सं. 435(ई) के जरिए 23 मई 2014 की अधिसूचना सं. फेमा.306/2014-आरबी के मार्फत विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(सातवां संशोधन) विनियमावली, 2014 के द्वारा अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है । 10. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) प्रधान मुख्य महाप्रबंधक अनुबंध –1 [15.7.2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 4 का अनुबंध ] क्रमांक | शेयरों का निर्गम/अंतरण | वर्तमान प्रावधान | पुनरीक्षित प्रावधान | 1. | शेयरों का निर्गम | अनिवासियों को शेयरों का निर्गम भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों को इस अनुसूची के अंतर्गत जारी शेयरों की कीमत निम्नलिखित से कम नहीं होगी - (ए) जहां कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध हैं, वहां, यथा लागू, सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार आकलित मूल्य से कम नहीं होगी; (बी) जहां किसी (भारतीय) कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्द नहीं हैं, वहां शेयर की कीमत, सेबी के पास पंजीकृत श्रेणी-। के मर्चंट बैंकर अथवा सनदी लेखाकार द्वारा बट्टागत नकद प्रवाह प्रणाली के अनुसार निर्धारित किये गए उचित मूल्य से कम नहीं होगी; और (सी) जहां शेयरों का आबंटन अधिमानी आधार पर हो, वहां निवासी से अनिवासी को शेयरों के अंतरण के संबंध में, समय-समय पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों में यथा लागू कीमत से कम नहीं होगी। | अनिवासियों को शेयरों का निर्गम भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों को इस अनुसूची के अंतर्गत जारी शेयरों की कीमत निम्नलिखित से कम नहीं होगी - वर्तमान उपबंध (ए) में कोई परिवर्तन नहीं है; (बी) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्द नहीं हैं, वहां शेयर की कीमत, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत कीमत निर्धारण प्रणाली के अनुसार, स्वतंत्र रूप से, आकलित मूल्य से कम नहीं होगी जिसे सनदी लेखाकार अथवा सेबी के पास पंजीकृत किसी मर्चेंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो; यह उपंबंध हटाया गया है। | 2. | शेयरों का अंतरण | निवासी से अनिवासी (अर्थात विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीयों, विदेशी संस्थागत निवेशकों और पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकायों से भिन्न निगमित अनिवासी कंपनियों (entities)) को अंतरण ए) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं, वहां बिक्री के मार्फत अंतरित किए जाने वाले शेयरों की कीमत सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार अधिमानी शेयरों के आबंटन के लिए यथा लागू कीमत से कम नहीं होगी, बशर्ते उसका निर्धारण उसमें यथा विनिर्दिष्ट अवधि हेतु किया गया हो जो संगत दिनांक से पहले की हो एवं जो शेयरों की खरीद अथवा बिक्री की तारीख होगी। (बी) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्द नहीं हैं, वहां शेयर की कीमत, सेबी के पास पंजीकृत श्रेणी-। के मर्चंट बैंकर अथवा सनदी लेखाकार द्वारा बट्टागत नकद प्रवाह प्रणाली के अनुसार निर्धारित किये गए उचित मूल्य से कम नहीं होगी। प्रति शेयर आकलित कीमत सेबी के पास पंजीकृत श्रेणी-। के मर्चंट बैंकर अथवा सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए। | निवासी से अनिवासी (अर्थात विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीयों, विदेशी संस्थागत निवेशकों, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों, पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों और पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकायों से भिन्न निगमित अनिवासी कंपनियों (entities)) को अंतरण वर्तमान उपबंध (ए) में कोई परिवर्तन नहीं है; (बी) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्द नहीं हैं, वहां शेयर की कीमत, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत कीमत निर्धारण प्रणाली के अनुसार, स्वतंत्र रूप से, आकलित मूल्य से कम नहीं होगी जिसे सनदी लेखाकार अथवा सेबी के पास पंजीकृत किसी मर्चेंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो। | 3. | शेयरों का अंतरण | अनिवासी (अर्थात निगमित अनिवासी कंपनियों (entities), पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकायों, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीयों और विदेशी संस्थागत निवेशकों) से निवासी को अंतरण किसी अनिवासी से निवासी को बिक्री के मार्फत अंतरित होने वाले शेयरों की कीमत उपर्युक्त पैरा 2 में किसी निवासी से अनिवासी को अंतरित किए जाने वाले शेयरों की न्यूनतम कीमत से अधिक नहीं होगी। | अनिवासी (अर्थात निगमित अनिवासी कंपनियों (entities), पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकायों, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीयों, विदेशी संस्थागत निवेशकों, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों, पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों) से निवासी को अंतरण वर्तमान उपबंध में कोई परिवर्तन नहीं है; | अनुबंध –2 [15.7.2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 4 का अनुबंध ] 9 जनवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 का अनुबंध देखें | पूर्ववर्ती शर्त | पुनरीक्षित शर्त | पैरा 2(बी) | (ii) गैर सूचीबद्ध कंपनी के मामले में, अनिवासी निवेशक निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के ईक्विटी शेयरों में किए गए निवेश से, अद्यतन लेखापरीक्षित तुलनपत्र में ईक्विटी पर आकलित प्रतिफल के आधार पर निर्धारित कीमत पर निवेश से बाहर जाने के लिए पात्र होगा। उल्लेखानुसार किसी करार में ईक्विटी संबद्ध प्रतिफल की अनुमति एफडीआई नीति/फेमा विनियमावली का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। नोट: उपर्युक्त प्रयोजन के लिए, ईक्विटी पर प्रतिफल का तात्पर्य होगा- कर के बाद लाभ/निवल मालियत; निवल मालियत में सभी मुक्त प्रारक्षित निधियां और प्रदत्त पूंजी शामिल होंगी। (iii) निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों एवं अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों में किए गए निवेशों को निवेश से बाहर जाने के समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार की गई किसी कीमत निर्धारण प्रणाली से आकलित मूल्य पर अंतरित किया जा सकता है बशर्ते उसे सनदी लेखाकार अथवा सेबी के पास पंजीकृत मर्चेंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो। इस बाबत दिशानिर्देशक सिद्धांत यह होगा कि अनिवासी निवेशक को निवेश/करार करते समय निवेश से बाहर जाने के वक्त किसी आश्वासित कीमत की गारंटी नहीं दी जाएगी तथा वह यथा लागू अवरुद्धता अवधि की समाप्ति पर प्रचलित कीमत ले कर निवेश से बाहर जा सकेगा। | (ii) गैर सूचीबद्ध कंपनी के मामले में, अनिवासी निवेशक निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के ईक्विटी शेयरों, अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों एवं अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों में किए गए निवेशों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार की गई किसी कीमत निर्धारण प्रणाली से, स्वतंत्र रूप से, आकलित मूल्य पर निवेश से बाहर जाने के लिए पात्र होगा जिसे किसी सनदी लेखाकार अथवा सेबी के पास पंजीकृत मर्चेंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमणित किया गया हो। इस बाबत दिशानिर्देशक सिद्धांत यह होगा कि अनिवासी निवेशक को निवेश/करार करते समय, निवेश से बाहर जाने के वक्त, किसी आश्वासित कीमत की गारंटी नहीं दी जाएगी तथा वह यथा लागू अवरुद्धता अवधि की समाप्ति पर उपर्युक्तानुसार आकलित कीमत ले कर निवेश से बाहर जा सकेगा। | |